मुंबई: आईसीसी यानि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् क्रिकेट विश्वकप के सफल आयोजन के बाद अब अपने नियमो को लेकर लगातार समीक्षा कर रहा है। फ़िलहाल आईसीसी एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए बताया है कि उन्होंने उन क्रिकेटरों को अंतरराष्ट्रीय महिलाओं के खेल में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया जो ‘मेल प्यूबर्टी’ (पुरुषों में किशोरावस्था में होने वाला शारीरिक/लैंगिक बदलाव) हासिल कर चुके हैं।
मीडिया में प्रकाशित आईसीसी के बयान के मुताबिक, ट्रांसजेंडर क्रिकेटर अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकेंगे। नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों पर आधारित है, महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन, और इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के मेंस के शारीर से गुजर चुके हैं।
BREAKING: The International Cricket Council bans transgender women from women’s cricket pic.twitter.com/Mn7wzT0FPy
— Insider Paper (@TheInsiderPaper) November 21, 2023
इसके अलावा अब आईसीसी क्रिकेट में नया नियम लागू करने जा रही है जो कि क्रिकेट में समय की बचत को लेकर है। आईसीसी ने बयान में कहा, ‘मुख्य कार्यकारियों की समिति इस बात पर सहमत हुई के पुरुष एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दिसंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक ट्रायल के आधार पर ‘स्टॉप क्लॉक’ का इस्तेमाल किया जाएगा। इस घड़ी का इस्तेमाल ओवरों के बीच में लगने वाले समय पर नजर रखने के लिए किया जाएगा।’ बयान के अनुसार, ‘अगर गेंदबाजी टीम पिछला ओवर खत्म करने के 60 सेकेंड के भीतर अगला ओवर फेंकने के लिए तैयार नहीं होती है तो पारी में तीसरी बार ऐसा करने पर पांच रन की पेनल्टी लगाई जाएगी।’
आईसीसी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी से पिच को प्रतिबंधित करने की अपनी प्रक्रिया में भी बदलाव किया। आईसीसी ने कहा, ‘पिच और आउटफील्ड निगरानी नियमों में बदलाव को भी मंजूरी दी गई जिसमें उन मानदंडों को सरल बनाना शामिल है जिनके आधार पर पिच का मूल्यांकन किया जाता है और आयोजन स्थल का अंतरराष्ट्रीय दर्जा हटाने के लिए अब पांच साल में डिमेरिट अंकों की संख्या को पांच की जगह छह अंक किया जाएगा।’
थॉमस और उबेर कप : भारत की पुरुष और महिला…
2 hours ago