टोरंटो में भारतीय भूचाल, गुकेश की जीत विश्व शतरंज में बड़ा बदलाव: कास्परोव |

टोरंटो में भारतीय भूचाल, गुकेश की जीत विश्व शतरंज में बड़ा बदलाव: कास्परोव

टोरंटो में भारतीय भूचाल, गुकेश की जीत विश्व शतरंज में बड़ा बदलाव: कास्परोव

:   Modified Date:  April 23, 2024 / 12:59 PM IST, Published Date : April 23, 2024/12:59 pm IST

नई दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) रूस के महान शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्परोव ने विश्व चैंपियनशिप के लिए चुनौती पेश करने वाला सबसे युवा खिलाड़ी बनने के लिए भारत के किशोर ग्रैंडमास्टर डी गुकेश की सराहना करते हुए कहा कि ‘टोरंटो में भारतीय भूचाल’ आया और यह जीत विश्व शतरंज में बड़े बदलाव का संकेत है।

सत्रह साल के गुकेश ने 40 साल पहले कास्परोव के बनाए रिकॉर्ड को तोड़ा। रूसी का यह खिलाड़ी जब 22 वर्ष का था तब उन्होंने 1984 में विश्व खिताब के लिए हमवतन अनातोली कारपोव से भिड़ने के लिए क्वालीफाई किया था और वह उस समय के सबसे कम उम्र के चैलेंजर बन गए थे।

कास्परोव ने अतीत में रूस के दबदबे का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बधाई हो! टोरंटो में भारतीय भूचाल शतरंज की दुनिया में बदलाव का संकेत है क्योंकि 17 वर्षीय डी गुकेश सर्वोच्च खिताब के लिए चीन के चैंपियन डिंग लिरेन का सामना करेंगे।’’

गुकेश ने विश्व चैंपियनशिप के चैलेंजर का फैसला करने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के 14वें और अंतिम दौर में अमेरिका के हिकारू नाकामुरा के साथ आसान ड्रॉ खेला और टूर्नामेंट में संभावित 14 में से नौ अंक जुटाकर शीर्ष स्थान हासिल किया।

यह जीत गुकेश को साल की आखिरी तिमाही में मौजूदा विश्व चैंपियन लिरेन के खिलाफ मुकाबले का हकदार बनाती है।

पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने भारत में शतरंज संस्कृति को जन्म दिया और देश इस ग्रैंडमास्टर की सफलता का लाभ उठा रहा है जिसमें हजारों युवा शतरंज को अपना रहे हैं।

कास्परोव ने भारतीय शतरंज में आनंद के योगदान को स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘विशी आनंद के ‘बच्चे’ छाए हुए हैं।’’

कास्परोव यहां गुकेश की सफलता के बाद ग्रैंड चेस टूर के बधाई ट्वीट का जवाब दे रहे थे।

ग्रैंड चेस टूर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘डी गुकेश को फिडे कैंडिडेट्स में उनकी जीत के लिए बधाई,उन्होंने विश्व चैंपियनशिप मैच में चैलेंजर के रूप में अपनी जगह पक्की की है। हम उत्सुकता से हमारे ग्रैंड शतरंज टूर कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी का इंतजार कर रहे हैं।’’

एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में कास्परोव ने शतरंज के शक्ति केंद्र में बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘अमेरिका और इंग्लैंड के कई शीर्ष जूनियर खिलाड़ियों के नाम देखें, यह देखने के लिए कि चीन और भारत के प्रवासी शतरंज में उपलब्धि हासिल करने के लिए उतने ही जुनूनी हैं।’’

वर्ष 1985 से 1993 तक निर्विवाद विश्व चैंपियन रहे कास्परोव ने लिखा, ‘‘कास्परोव शतरंज फाउंडेशन ने इस लहर को बढ़ते देखा है और गुकेश की सफलता इसे और ऊपर उठाएगी।’’

अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के साथ विवाद के बाद कास्परोव ने एक प्रतिद्वंद्वी संगठन पेशेवर शतरंज संघ की स्थापना की थी। वह 1984 से 2005 में नियमित प्रतिस्पर्धी शतरंज से संन्यास लेने तक कुल मिलाकर रिकॉर्ड 255 महीनों के लिए विश्व में नंबर एक खिलाड़ी रहे।

एपी सुधीर

सुधीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)