महिला विश्व कप ‘नियंत्रित माहौल’ में, खिलाड़ियो को ‘बबल’ में रखना व्यावहारिक नहीं: आईसीसी |

महिला विश्व कप ‘नियंत्रित माहौल’ में, खिलाड़ियो को ‘बबल’ में रखना व्यावहारिक नहीं: आईसीसी

महिला विश्व कप ‘नियंत्रित माहौल’ में, खिलाड़ियो को ‘बबल’ में रखना व्यावहारिक नहीं: आईसीसी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : February 28, 2022/6:40 pm IST

दुबई, 28 फरवरी (भाषा) न्यूजीलैंड में चार मार्च से शुरू होने वाले महिला एकदिवसीय विश्व कप के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) टीमों को सख्त बायो-बबल (जैव-सुरक्षित) माहौल तक सीमित नहीं करेगा और उसे उम्मीद है कि कोविड-19 के प्रकोप से बचने के लिए खिलाड़ी ‘समझदारी’ दिखाते हुए नियंत्रित माहौल में सुरक्षित रहेंगे।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्योफ अलार्डिस ने यह जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि टूर्नामेंट के दौरान आरटी-पीसीआर परीक्षण होंगे लेकिन पहले के समय की तरह बहुत ‘ज्यादा’ नहीं क्योंकि वह उम्मीद करते हैं कि खिलाड़ी संभावित संक्रमण क्षेत्र से दूर रहेंगे।

कठिन पृथकवास और और बायो-बबल (जैव-सुरक्षित) की सख्त प्रकृति पहले से ही सभी खेलों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का कारण बन रही है और आईसीसी इस तरह के दबाव के मुद्दों से अच्छी तरह वाकिफ है।

अलार्डिस ने यहां मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टूर्नामेंट के आसपास हमारा दृष्टिकोण नियंत्रित (सुरक्षित) माहौल बनाये रखने का है। ’’

महिला एकदिवसीय विश्व कप चार मार्च से शुरू होगा और न्यूजीलैंड के छह स्थलों पर खेला जाएगा। पहला मुकाबला मेजबान न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच होगा।

अलार्डिस ने कहा, ‘‘यह खिलाड़ियों के जिम्मेदारी लेने पर निर्भर करता है। हम खिलाड़ियों और टीम से कह रहे हैं कि वे समझदारी दिखाएं, ऐसी जगहों से दूर रहे जहां से संक्रमण फैलने की संभावना है।’’

संक्रमण फैलने की स्थिति में भी मुकाबलों का आयोजन प्रत्येक टीम में नौ खिलाड़ियों के साथ भी किया जा सकता है लेकिन अलार्डिस ने उम्मीद जताई कि हालात इतने खराब नहीं होंगे।

अलार्डिस ने कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों में ओमिक्रोन प्रारूप के फैलने के बाद हमें ऐसा करना पड़ा। हमारे लगभग सभी टूर्नामेंट में पॉजिटिव कोविड नतीजों के चलते पृथकवास के कारण कई खिलाड़ियों के अनुपलब्ध होने के कारण हमारे सामने चुनौती थी।’’

खेलने के हालात से जुड़े आईसीसी के दिशानिर्देशों में प्रत्येक टीम में कम से कम नौ खिलाड़ियों के साथ मुकाबले के आयोजन का जिक्र है और यह वेस्टइंडीज में अंडर-19 विश्व कप से प्रभावी है जहां भारत ने रिकॉर्ड पांचवीं बार खिताब जीता था।

अंडर-19 विश्व कप के दौरान एक समय भारत के आधा दर्जन खिलाड़ी कोविड संक्रमित थे।

आईसीसी के सीईओ ने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज में लगभग एक महीना पहले पुरुष अंडर-19 विश्व कप के दौरा हालात काफी नाजुक थे जहां कई टीम के खिलाफ संक्रमित थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और मुझे लगता है कि हमें कुछ आपात योजना की जरूरत थी। हम चाहते हैं कि मुकाबला 11 खिलाड़ियों के बीच हो। हमारे पास 15 खिलाड़ियों की टीम है, मुझे लगता है कि सभी टीम कुछ अतिरिक्त रिजर्व खिलाड़ियों के साथ आई हैं, आपात योजना के तहत।’’

अलार्डिस ने यह भी स्वीकार किया कि आईसीसी के लिए प्रतियोगिता की मेजबानी करना चुनौतीपूर्ण है।

न्यूजीलैंड में कोविड से जुड़ी पाबंदियां दुनिया में सबसे कड़ी हैं और इस बारे में पूछने पर अलार्डिस ने कहा, ‘‘टूर्नामेंट के दौरान कोविड की स्थिति को लेकर चीजें चुनौतीपूर्ण हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टूर्नामेंट से पहले पृथकवास और अलग थलग रहने को लेकर अंतररराष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले 18 महीने और हमारी प्रतियोगिताओं के लिए पिछले नौ महीने में हमें अलग अलग रणनीतियां बनानी पड़ी।’’

अलार्डिस ने कहा, ‘‘हमारे लिए यह चुनौतीपूर्ण था क्योंकि हर देश में हम अलग सरकार के साथ काम करते हैं और सभी की कोविड से निपटने की अपनी अलग रणनीति है।’’

भाषा सुधीर

आनन्द पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)