दरअसल धरमजयगढ़ में कांवर में जल भरने के दौरान अंबेटिकरा नदी के पास चार बच्चे एक के बाद एक करके नाले की उफान में बह गए थे। तब जिला सेनानी की ओर से 13 जवानों की टीम को रेस्क्यू के लिए भेजा गया था। तकरीबन 50 फीट गहरे पानी में 72 घंटे तक रेस्क्यू करने के बाद जवानों ने चारों बच्चों का शव निकाला था। जवान खुद भी इस बात को स्वीकार करते हैं, कि अनजानी जगह और नदी का तेज बहाव होने की वजह से उन्हें जान का खतरा था। रेस्क्यू आपरेशन के प्रोत्साहन स्वरुप जिला सेनानी ने 13 जवानों को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया, लेकिन जवानों को दी गई राशि न्यूनतम दस रुपए और अधिकतम 40 रुपए की है। हवलदार सुरेश कुमार होता को 25 रुपए….तिलकराम साहू को 25 रुपए… चेतन सिंह को 10 रुपए का पुरस्कार दिया गया। इसी तरह सैनिक संतराम, पिलेश्वर, माधव प्रसाद, संजय सिदार, सम्मेसिंह, विजय केरकेट्टा, कुलदीप, सुरितराम, निर्मल साव और ओमकुमार को भी कुल जमा दस दस रुपए का पुरस्कार दिया गया। जवान इस बात को स्वीकार करते हैं कि ये राशि बेहद कम है और पुरस्कार की कम राशि से जवानों का मनोबल टूटता है। अगर ये सरकारी नियम है तो शासन को वर्तमान परिवेश के मुताबिक इस नियम में फेरबदल करना चाहिए।
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14 hours ago