बिलासपुर रेलवे जोन को दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के लिए 14 सौ करोड़ रुपए मिले हैं। इसमें से आठ सौ करोड़ रुपए राज्य शासन ने दिए हैं जबकि छह सौ करोड़ रुपए रेलवे बोर्ड ने दिए हैं। इन पैसों से अब खरसिया-दुर्ग और डोंगरगढ़-कटघोरा रेलवे लाइनों का काम तेज हो जाएगा। छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोयला और दूसरे खनिजों के उत्खनन और उसके परिवहन के लिए रेलवे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, पीपीपी माॅडल पर काम कर रहा है। रेल कारिडोर के तहत प्रदेश के बस्तर से लेकर भरवाडीह कोरिया तक रेल लाइनों को बिछाने की योजना पर काम हो रहा है। इसकी कागजी प्लानिंग, सर्वे, फारेस्ट क्लीयरेंस, अप्रूवल का काम हो चुका है, लेकिन राशि नहीं मिली थी। अब पहली बार दो प्रोजेक्ट खरसिया-दुर्ग और डोंगरगढ़-कटघोरा के बीच बिछाई जा रही लाइनों के लिए सात-सात सौ करोड़ रुपए मिले हैं। इस राशि से करीब आठ हजार करोड़ रुपए की इस पूरी योजना के लिए स्पेशल परपज व्हीकल बनाया जाएगा।
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इस प्रोजेक्ट के लिए राशि मिलने से अब कागजों का काम जमीन पर दिखेगा और दोनों ही इलाकों में काम शुरू हो जाएगा। ये दोनों रेल लाइनें ऐसे इलाकों से होकर गुजरेंगी, जहां अभी तक रेल की सुविधा नहीं है। ये रेल लाइनें वैसे तो कोल व खनिज परिवहन के लिए बिछाई जा रही हैं, लेकिन इस पर से पैसेंजर ट्रेनें भी चलेंगी, लिहाजा इन इलाकों का विकास तेज होगा।
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कटघोरा, कोरबा की ओर 60 मिलियन टन कोयले की नई खदान शुरू हो रही है साथ ही मांड इलाके में नई सीमेंट फैक्ट्रियां आ रही हैं इन दोनों प्रोजेक्ट को देखते हुए रेलवे और प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि कोल कंपनियां, एनटीपीसी जैसे पावर जनरेशन कंपनियां और खनिज उत्खनन करने वाले संस्थान आसानी से इन प्रोजेक्ट में पैसा लगाएंगे, देखना है कि रेलवे की यह योजना कितनी जल्दी सफल होती है।
वेब डेस्क, IBC24
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