शिक्षाकर्मियों की मांगों का अध्ययन करने राजस्थान गई टीम लौटी, संघ- रिपोर्ट हो सार्वजनिक | CG Shiksha Karmi:

शिक्षाकर्मियों की मांगों का अध्ययन करने राजस्थान गई टीम लौटी, संघ- रिपोर्ट हो सार्वजनिक

शिक्षाकर्मियों की मांगों का अध्ययन करने राजस्थान गई टीम लौटी, संघ- रिपोर्ट हो सार्वजनिक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : April 22, 2018/11:54 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों के संविलियन सहित अन्य मांगों के अध्ययन के लिए राजस्थान गई टीम लौट गई है। छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने अध्ययन दल की रिपोर्ट और वहां के नियमों को सार्वजनिक करने की मांग की है।उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग के अवर सचिव ई आर कपाले की अगुवाई में केसी काबरा , टीके साहू , बीएन मिश्रा ,आरके जैन  राजस्थान गए थे। टीम ने नियम प्रावधान का अध्ययन कर रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव पंचायत व सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को सौंप दिया है। 

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छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से संविलियन की घोषणा करने की मांग की है। राजस्थान में प्राथमिक शिक्षा व उच्च प्राथमिक शिक्षा में पंचायत विभाग में नियुक्त शिक्षक संवर्ग को पांच वर्ष की परिवीक्षा अवधि पश्चात शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समान वेतनमान व सम्पूर्ण सेवा शर्तों के साथ रिक्त पद पर संविलियन किया जाता है। फिलहाल यह अवधि पांत से घटाकर दो साल कर दी गई है। संघ का कहना है कि राजस्थान में व्याख्याता को  9300-34800+4800,  वरिष्ठ अध्यापक को 9300-34800+4200, अध्यापक को 9300-34800+3600 और लेवल दो के शिक्षक को 9300-34800+3600 वेतनमान दिया जाता है।  प्राथमिक शिक्षा की नियुक्ति पंचायत विभाग करता है, दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पश्चात पंचायत से शिक्षा विभाग वे संविलयन किया जाता है.

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उन्होंने बताया कि राजस्थान सर्विस नियम 1971 के अन्तर्गत पंचायती राज में नियुक्त शिक्षा कर्मियों को शिक्षा विभाग में रिक्तियों के विरूद्ध पदस्थापित किया जाता है।छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम 1971 के नियम 6 D के तहत पंचायती राज के तृतीय श्रेणी अध्यापकों को सेटअप परिवर्तन कर शिक्षा विभाग में लेने का नियम बनाया गया है। इसके अलावा प्राथमिक शिक्षा के सेटअप में तृतीय श्रेणी अध्यापक को प्रोबेशन में पे बैंड में बेसिक पर वेतन प्रदान किया जाता है, दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पश्चात पे बैंड में बेसिक के साथ मंहगाई भत्ता सहित शासकीय शिक्षकों के समान सभी भत्ते व सेवा शर्त व सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाता है। राजस्थान में नौ वर्ष में प्रथम क्रमोन्नति, 18 वर्ष में द्वितीय क्रमोन्नति व 27 वर्ष की सेवा में तृतीय क्रमोन्नति का प्रावधान है .उन्होंने मांग किया है कि छत्तीसगढ़ में कार्यरत 1 लाख 80 हजार शिक्षा कर्मी, सहायक शिक्षक, शिक्षक व ब्याख्याता के पद रिक्त के विरुद्ध कार्यरत है, तथा वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत सेटअप में शिक्षक व शिक्षा कर्मी के पद स्वीकृत है अतः समस्त 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियो को राजस्थान के तर्ज पर शिक्षा विभाग में अंतरित कर संविलियन किया जाए।

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