संविलियन पर शिक्षाकर्मियों की चुप्पी के बीच महिला कांग्रेस नेत्री ने उठाए सवाल, लिखा खुला पत्र | CG Shikshakarmi:

संविलियन पर शिक्षाकर्मियों की चुप्पी के बीच महिला कांग्रेस नेत्री ने उठाए सवाल, लिखा खुला पत्र

संविलियन पर शिक्षाकर्मियों की चुप्पी के बीच महिला कांग्रेस नेत्री ने उठाए सवाल, लिखा खुला पत्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : June 20, 2018/9:05 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों के संविलियन को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले के पक्ष विपक्ष में शिक्षाकर्मियों की प्रतिक्रिया आनी बाकी है, लेकिन महिला कांग्रेस की नेत्री शेषराज हरबंश ने फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने शिक्षाकर्मियों के नाम लिखे खुले पत्र में कहा है कि क्या यह शिक्षाकर्मियों की जीत है और क्या इसी संविलियन की लड़ाई शिक्षाकर्मियों ने लड़ी थी। ऐसे कई सवाल हैं, जिसे उन्होंने उठाया है। हम यहां उनके पत्र को हूबहू प्रकाशित कर रहे हैं।

  

उन्होंने लिखा है कि यह सब आपने अपनी मेहनत, लगन, त्याग, तपस्या और निष्ठा से हासिल किया है। आप इस से कहीं अधिक के हकदार हैं क्योंकि जिस तरीके से 22 वर्षों से आप निष्ठापूर्वक प्रदेश के विद्यालयों में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं और साथ ही साथ समय-समय पर अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते रहे है। वह अपने आप में अतुलनीय है, साथ ही आपने समय-समय पर विद्यार्थियों के हितों में ऐसे अनेकों कार्य किए हैं जिसके लिए समाज सदैव आपका ऋणी रहेगा। गुरु का दर्जा पुरातन काल से ही सर्वोच्च माना गया है और आपने विपरीत परिस्थितियों में भी इसे स्थापित किया है इसलिए जो कुछ भी आप को आज मिला है उस से कई गुना ज्यादा के आप हकदार है” ।  

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पत्र में कहा गया है कि आज निश्चित तौर पर प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मियों के मन में खुशी होने के साथ टीस भी होना स्वाभाविक है क्योंकि बहुत से आपके साथी आज आपके साथ इस आंशिक खुशी को बांटने के लिए नहीं है, हो सकता है उनमें से अधिकांश का परिवार आज भी उनके अभाव में जिंदगी की जद्दोजहद में लगा हो। कई साथी ऐसे होंगे जो लड़ाई लड़ते लड़ते सेवानिवृत्त हो गए और उन्हें कुछ भी नहीं मिला। इसी प्रकार इस आंदोलन में तन मन धन से योगदान देने वाले आपके ऐसे साथी जिन की सेवा अवधि 8 वर्ष से कम है उन्हें भी कुछ भी नहीं मिला और इस प्रदेश का सबसे बड़ा वर्ग जो प्रदेश में शिक्षा की नींव रखता है यानी शिक्षा कर्मी वर्ग 3 वह आज भी वेतन विसंगति से जूझ रहा है इसके बाद भी यदि आपको लगता है कि यह जश्न मनाने का दौर है और आपने सब कुछ हासिल कर लिया है तो एक बार पड़ोसी राज्य के ड्राफ्ट से खुद को मिले लाभ को तौल लीजिए और मीडिया में मुख्य सचिव के आए बयान के विषय में सोचिए कि क्या सच में छत्तीसगढ़ में संविलियन की घोषणा जो की गई है वह सही मायने में मध्य प्रदेश या अन्य राज्यों से बेहतर है?

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महिला कांग्रेस नेत्री ने लिखा है कि अन्य राज्यों की छोड़िए, मातृ राज्य मध्यप्रदेश की तुलना कीजिए, जहां वेतन विसंगति पूर्व में भी नहीं थी, क्रमोन्नत वेतनमान वहां दिया ही जाता है और संविलियन और सातवां वेतनमान की घोषणा भी वहां के प्रत्येक शिक्षाकर्मी के लिए की गई है इसके उलट यहां वेतन विसंगति विद्यमान है, क्रमोन्नत के विषय में कोई स्पष्ट जिक्र नहीं है, 8 साल से कम की सेवा अवधि वाले आपके ही 48,000 भाइयों और बहनों को बीच मझधार में छोड़ दिया गया है क्या इसके बावजूद आपको यह ड्राफ्ट आप के देखे गए संविलियन के ड्राफ्ट जैसा नजर आता है। जिसके लिए आपने 22 वर्षों की लड़ाई लड़ी है ?

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उनका मानना है कि आपके जायज हक में से भरपूर कटौती कर अब आपसे बड़े सम्मेलन की अपेक्षा रखी जाएगी। अपेक्षा रखी जाएगी कि आने वाले समय में इसके बदले आप उन्हें बहुत कुछ दें।  अब इस अन्याय के विरोध में उठने वाले हर स्वर को दबाने की कोशिश की जाएगी,  लेकिन क्या “सबका साथ सबका विकास” की बात करने वाले उसी तर्ज पर सभी को एक साथ लाभ नहीं दे सकते थे ? क्या शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला नहीं लिया जा सकता था ?…… जो सही मायने में गुरुजनों के चेहरे पर खुशी और दिल में संतुष्टि ला सके । निर्णय आपको करना है कि आपने क्या खोया और क्या पाया है पर जब भी आप अन्य राज्यों से अपनी तुलना करेंगे तो यकीन मानिए समृद्ध राज्य के नागरिक होने के बावजूद सुविधाओं में आप खुद को पिछड़ा हुआ पाएंगे और उस दिन शायद आप को यह एहसास होगा कि हम इससे ज्यादा के हकदार थे ।  

पुनः आपके जज्बे को सलाम और यह विश्वास की देश की शिक्षा व्यवस्था को आप अपने कांधे पर यूं ही उठाएं रहेंगे और अन्याय से लड़ने का जज्बा आप खुद में जिंदा रखेंगे और आने वाली पीढ़ी में इसका बीज बोयेंगे ताकि वह समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बने और जिंदगी में सही गलत का फैसला ले सके”।

 

 वेब डेस्क, IBC24