मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश), 24 फरवरी (भाषा) पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खाप द्वारा केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का समर्थन किए जाने की पृष्ठभूमि में बुधवार को भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि यह मुद्दा ‘‘भावनात्मक’’ बन गया है। उन्होंने यह भी माना कि उनकी पार्टी और सरकार संभवत: किसानों को कानूनों का लाभ समझाने में सफल नहीं रही है।
जनता को सरकार के पक्ष में मनाने के लक्ष्य से पिछले एक सप्ताह से क्षेत्र का दौरा कर रहे बालियान ने स्थानीय लोगों और खाप के प्रमुखों से भेंट की है। केन्द्रीय मंत्री ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘किसानों को आज परेशानियां हो रही हैं और इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। वे कमजोर हैं और उन्हें सरकार से सुरक्षा की जरुरत है।’’
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेती करने वाले प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बालियान ने कहा कि किसानों के कुछ उचित मुद्दे भी हैं, जैसे पिछले कुछ साल से गन्ने की कीमत नहीं बढ़ी है, इसका समाधान आवश्यक है।
उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के बीच गलत धारणा फैल गई है कि इन कानूनों के लागू होने पर वह अपनी जमीन खो देंगे और उन्हें अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त नहीं होगा। संभवत: हम उन्हें इन कानूनों की खूबियां समझाने में विफल रहे हैं।’’
किसानों द्वारा कानून के जिन प्रावधानों का मुखर विरोध किया जा रहा है, उनके बारे में सवाल करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि केन्द्र सरकार संशोधन के लिए तैयार है। आगे का रास्ता क्या है, इस संबंध में किए गए सवालों पर बालियान ने कहा कि वह जल्दी इसका समाधान निकलने की आशा करते हैं।
अपने दफ्तर में पीटीआई-भाषा से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसानों के मुद्दों को केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के समक्ष उठाउंगा।’’
केन्द्रीय मंत्री के कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले लोकप्रिय जाट नेता चौधरी चरण सिंह की तस्वीरें टंगी हुई हैं। गौरतलब है कि सिंह के बेटे और रालोद प्रमुख अजित सिंह को लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीटपर बालियान के हाथों हार मिली थी।
उत्तर प्रदेश में अगली विधानसभा चुनाव और किसान आंदोलन के उसपर संभावित प्रभाव के संदर्भ में बालियान ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज के सहारे पार्टी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेगी।’’
कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जाट महापंचायतों के आयोजन की पृष्ठभूमि में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के विधायकों, सांसदों और राज्य में अन्य नेताओं से आगे बढ़कर किसानों और खापों से संपर्क साधने को कहा है।
भाषा अर्पणा माधव
माधव
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