बांधवगढ़ के जंगल में आग लगने से काफी नुकसान हुआ है: वन मंत्री विजय शाह | Forest fire in Bandhavgarh has caused considerable damage: Forest Minister Vijay Shah

बांधवगढ़ के जंगल में आग लगने से काफी नुकसान हुआ है: वन मंत्री विजय शाह

बांधवगढ़ के जंगल में आग लगने से काफी नुकसान हुआ है: वन मंत्री विजय शाह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : April 4, 2021/8:28 am IST

भोपाल, चार अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि बांधवगढ़ के जंगल में आग लगने से बहुत नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र से अनुरोध करेगी कि वह ऐसी घटनाओं से निपटने के लिये आधुनिक अग्निशमन विमान हासिल करे। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के कुछ हिस्सों में कुछ दिन पहले आग लगने की जानकारी मिली थी।

वन मंत्री शाह ने बीटीआर का दौरा करने के एक दिन बाद रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आग लगने का कारण पत्तियों को जलाना, जंगली हाथियों को दूर रखने के लिये आग जलाना या किसी व्यक्ति द्वारा छोड़े गये जलते सिगरेट का टुकड़ा हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आग लगने से बांधवगढ़ के जंगल को बहुत नुकसान हुआ है। प्रदेश सरकार केंद्र से अनुरोध करेगी कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिये वह आधुनिक अग्निशमन विमान जैसे साधनों को हासिल करे।’’

इससे पहले बुधवार को अधिकारियों ने बताया था कि उमरिया जिले में स्थित बीटीआर के कुछ हिस्सों में कुछ दिन पहले आग लग गई थी।

शाह ने कहा कि सौभाग्य से इस आग में किसी मानव या जंगली जानवर की मौत नहीं हुई और आग को बुझाने में सभी ने कड़ी मेहनत की।

उन्होंने कहा कि बीटीआर में आग लगने के तीन कारण हो सकते हैं, पहला लोगों ने महुआ के फूलों को आसानी से जमा करने के लिये नीचे गिरी पत्तियों को जलाया होगा, दूसरा पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से अक्सर रिजर्व में घुस आने वाले जंगली हाथियों को दूर रखने के लिये रिजर्व या इसके बफर क्षेत्र में रहने वाले लोग आग जला सकते हैं, तीसरा किसी ने जलती हुई सिगरेट या बीड़ी का टुकड़ा नीचे गिरा दिया होगा, जिससे यह आग लगी होगी।

शाह ने कहा कि गर्मियों के मौसम में आमतौर पर जंगलों में आग लग जाती है।

वन मंत्री ने कहा, ‘‘आग से बांधवगढ़ के जंगल को काफी नुकसान हुआ है। इस प्रकार की आग से निपटने के लिये आधुनिक उपकरणों की सख्त जरूरत है। इस संबंध में छह या सात अप्रैल को एक बैठक होगी।’’

उन्होंने बताया कि विकसित देशों में इस प्रकार की बड़ी आग को बुझाने के लिये अग्निशामक विमान का उपयोग किया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे देश में बड़े- बड़े जंगल हैं। इसलिये हम केन्द्र सरकार से ऐसे विमान प्राप्त करने का अनुरोध कर रहे हैं। इस विमान की कीमत लगभग 235 करोड़ रुपये है और ऐसे विमान में भारी मात्रा में पानी ले जाने की क्षमता होती है। आग की ऐसी घटनाओं में यह विमान बांधवगढ़ या कान्हा टाइगर रिजर्व दो घंटे में (दिल्ली से) पहुंच सकता है।’’

बीटीआर के क्षेत्र निदेशक विसेंट रहीम ने कहा कि बीटीआर देश में बाघों के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। बीटीआर 1,536.3 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है और पिछली गणना के मुताबिक यहां 104 बाघ हैं।

एक वन अधिकारी के अनुसार बीटीआर के बफर क्षेत्र और मुख्य क्षेत्र के कुछ हिस्सों सहित कुल 15 से 20 स्थानों पर आग लगी थी।

रहीम ने बताया कि बीटीआर के अधिकारियों का एक दल आग लगने के कारणों और इसके नुकसान की जांच कर रहा है।

भाषा दिमो नेत्रपाल धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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