हाईकोर्ट का फैसला, लिव-इन में रहने के बाद शादी के वादे से मुकरना अपराध | Leave In Relationship Act

हाईकोर्ट का फैसला, लिव-इन में रहने के बाद शादी के वादे से मुकरना अपराध

हाईकोर्ट का फैसला, लिव-इन में रहने के बाद शादी के वादे से मुकरना अपराध

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : October 22, 2018/7:58 am IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के द्वारा एक अहम फैसला सुनाया गया है जिसके तहत कहा गया है कि यदि सहमति से दो लोगों के बीच संबंध स्थापित होता है और उसके बाद कोई एक इस बात से मुकरता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा। जस्टिस एसके पालो ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है  कि शादी का वादा कर स्वतंत्र इच्छा के साथ यौन संबंध स्थापित करने के बाद मुकरना दुष्कर्म की श्रेणी में आता है। महिला व युवक भले ही लिव-इन-रिलेशनशिप में रहते हों।

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ज्ञात हो कि इस मामले में याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी संदीप व उसके माता-पिता के द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें जेएमएफसी द्वारा दहेज अधिनियम सहित दुष्कर्म की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किये जाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।बताया जा रहा है कि पूरे मामले में दर्ज प्रकरण के मुताबिक  पीड़ित महिला व संदीप की 2016 में मुलाकात हुई थी उसके बाद  दोनों के बीच ही प्रेम संबंध स्थापित हुआ था उसके बाद लड़की के माता-पिता ने दोनों की  सगाई करवा दी थी।सगाई के बाद से दोनों का मिलना जुलना बढ़ गया और इस दौरान दोनों के संबंध भी स्थापित हो गए।

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और इसी दौरान महिला का प्रतियोगी परीक्षा में चयन हो गया जबकि उसके  मंगेतर का नहीं हुआ, जिसके बाद संदीप और उसके माता-पिता दहेज के रूप में 10 लाख रुपए और एक कार की मांग करने लगे। पीड़ित महिला ने संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत दी परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई तो महिला ने जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ दुष्कर्म, दहेज एक्ट व प्रताड़ना की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया था। इसी मामले को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया था कि लिव-इन-रिलेशनशिप में होने के कारण दोनों की सहमति से यौन संबंध स्थापित हुए थे। एकलपीठ ने पूर्व के आदेशों का हवाला देते हुए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। 

वेब डेस्क IBC24