रायपुर। कल रात 11 बजकर 54 मिनट पर चांद पृथ्वी की परछाई में छिपना शुरू हुआ और इस सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण शुरू हुआ। 104 साल बाद आए इस सबसे बड़े चंद्रग्रहण को देखने के लिए रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के लोगों का उत्साह ठंडा पड़ गया, क्योंकि पूरे ग्रहण के दौरान आसमान में बादल छाए रहे और कुछ भी नजर नहीं आया। हालांकि कुछ जगहों पर टेलीस्कोप से चंद्रग्रहण देखने के इंतजाम किए गए थे, जहां रात को जागकर लोगों ने ये खगोलीय नजारा देखा।
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लेकिन उसमें भी बादलों की वजह से ग्रहण स्पष्ट नहीं दिखा। छत्तीसगढ़ के बाकी शहरों बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, अंबिकापुर और रायगढ़ में भी चंद्रग्रहण बादलों की वजह से नजर नहीं आया। इस चंद्रग्रहण को उत्तरी अमेरिका को छोड़कर पूरी दुनिया में देखा गया। ठीक 3 घंटे 54 मिनट और 33 सेकंड तक रहा चंद्रग्रहण और आज तड़के 3 बजकर 49 मिनट पर जब सूरज और चांद के बीच में से पृथ्वी हटी तो चंद्रमा से ग्रहण भी हटा।
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इस बीच एक घंटे 43 मिनट तक तो पूर्ण चंद्रग्रहण रहा, यानी चांद बिल्कुल नहीं दिखा। रात 2 बजे के करीब कुछ देर के लिए चांद लाल भी हुआ यानी ब्लड मून। ग्रहण की खास परिस्थितियों में चांद का रंग कुछ देर के लिए लाल हो जाता है। इसे ही ब्लड मून कहते हैं। सूर्य की किरणें धरती से अपवर्तित होकर चंद्रमा पर पड़ती हैं, जिसकी वजह से वो लाल दिखता है। चंद्रग्रहण का सूतक लगने की वजह से कल दोपहर से ही सारे मंदिरों के पट बंद हो गए थे। जो आज सुबह खुल गए।
वेब डेस्क, IBC24
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