अमरकंटक और उसके आसपास के क्षेत्रों का विकास और संरक्षण अब विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण यानि साडा के हवाले होगा. एनजीटी के आदेश पर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश सरकार ने क्षेत्र के एकीकृत विकास का निर्णय लिया है…वन, कृषि, खनिज विभाग अब किसी भी तरह का कार्य करने से पहले साडा की अनुमति लेगा।
गौरतलब है कि अमरकंटक का पठार मध्यप्रदेश में लगभग 8 हजार हेक्टेयर और छत्तीसगढ़ में लगभग 4 हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है….जिसमें गौरेला विकासखण्ड के ग्राम ठाड़पथरा, तवाडबरा, चुक्तीपानी और आमानाला, गांवों में लगभग 1 हजार 5 सौ 22 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण, सीवरेज, पॉलीथीन बैग पर प्रतिबंध, और एलपीजी को बढ़ावा देने की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन आवाश्यक है….ताकि क्षेत्र का पर्यावरण संरक्षित किया जा सके। यहीं नहीं साथ ही यह संयुक्य
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