मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश ने जनजीवन पर असर डाला है. सतना, रीवा, कटनी और पन्ना में शुरुआती बारिश में ही नदियों का जल स्तर बढ़ने लगा है. वहीं, कई इलाकों में जलभराव के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं. प्रशासन इस बात को लेकर अलर्ट पर है कि ऐसे ही बारिश जारी रही तो परेशानियां बढ़ सकती हैं. वहीं, सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि सभी जिलों में किसी भी हालात से निपटने के लिए राहत और बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। भारी बारिश को देखते हुए जबलपुर से SDRF की टीम रीवा रवाना हो गई है।
ये उफनते नदी नाले ये सैलाब ये जलधार मध्य प्रदेश के तमाम जिलों में हो रही शुरुआती बारिश ने ही मुश्किलें बढ़ा दी हैं. प्रदेश के रीवा में दो दिनों से हो रही बारिश से शहर के आधा दर्जन इलाकों में जलभराव के चलते बाढ़ जैसे हालात दिख रहे हैं. कई मोहल्लों में घरों के भीतर पानी घुस गया. लोगों के सामान तक डूब गए. वहीं, बारिश को लेकर प्रशासन की कोई तैयारी नजर नहीं आई. हालांकि आनन-फानन में वार्ड 40 और 50 के लोगों के लिए राहत शिविर जरूर बनाए गए. जिले में नदियां खतरे के निशान से भले नीचे हैं.
लेकिन हालात यही रहे तो परेशानियां बढ़नी तय है. वहीं सतना में भी भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया.. कई इलाकों में जलभराव और घरों में पानी घुसने से लोग परेशान हुए. अतिवर्षा से बकिया डैम लबालब है. खतरे के निशान से ऊपर जाने के चलते डैम के पांच गेट खुलने से नालों और रपटों के ऊपर पानी बह रहा है. बड़ी लापरवाही ये दिखी कि एक स्कूल बस ड्राइवर ने मासूमों की जिंदगी को खतरे में डालकर उफनते पानी के बीच से बस निकाली। उधर कटनी में भी भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं. घरों में पानी घुसने से लोगों की मुसीबत बढ़ गई।
वहीं, सरकार का दावा है कि राहत और बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सभी जिलों में कलेक्टर को हालात पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही SDRF को भी अलर्ट पर रखा गया है। दरअसल मौसम विभाग ने पूर्वी मध्यप्रदेश में जहां 12, 13 और 14 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है वहीं पश्चिमी मध्यप्रदेश में 12 जुलाई को यलो अलर्ट रहा और 13-14 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ऑरेंज अलर्ट का मतलब भारी से भी भारी वर्षा. वहीं यलो अलर्ट का मतलब है भारी बारिश.