एआईसीसी के सर्वे में कांग्रेस को मप्र में मिल रही इतनी सीटें, जानिए | MP Congress :

एआईसीसी के सर्वे में कांग्रेस को मप्र में मिल रही इतनी सीटें, जानिए

एआईसीसी के सर्वे में कांग्रेस को मप्र में मिल रही इतनी सीटें, जानिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : June 17, 2018/12:35 pm IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को उम्मीद है कि 15 साल बाद उसकी सत्ता में वापसी हो जाएगी और इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनाने के जादुई आंकड़े 116 को पार कर 119 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी। यह तथ्य सामने आया है ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अंदरुनी सर्वे में। एआईसीसी के सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर यह सर्वे कराया है। अभी तक भाजपा, संघ और अन्य सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में भाजपा की स्थिति नाजुक है। ऐसे में एआईसीसी ने विभिन्न माध्यमों से सर्वे करा कर वस्तु स्थिति का पता किया है, जिसके संकेत कांग्रेस के लिए सुखद है।

मध्यप्रदेश में चुनावी उठापटक के बीच राजनीतिक दलों में अंदरूनी सर्वे ने जोर पकड़ा हुआ है। सत्ताधारी दल भाजपा की ओर से मौजूदा विधायकों के साथ सभी 230 सीटों में सकारात्मक नतीजे नहीं आने के बाद से ही रणनीतियों में बदलाव किया गया। वहीं कांग्रेस ने भी अपनी स्थिति का आंकलन किया है। प्रदेश में वर्तमान में भाजपा के पास 165 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस के पास 57 सीट है। अभी तक आई विभिन्न सर्वे रिपोर्ट की ही तरह एआईसीसी की सर्वे रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ जनता में जोरदार नाराजगी है। और कांग्रेस जो बहुमत के 116 से आंकड़े से ज्यादा 119 और 120 के करीब सीटों के मिलने की उम्मीद है। हालांकि सर्वे से उत्साहित प्रदेश के नेता सर्वे से भी ज्यादा 150 सीटों के मिलने का दावा कर रहे हैं।

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पिछले चार उपचुनावों में मिली जीत ने मध्यप्रदेश कांग्रेस में एनर्जी बूस्टर का काम किया है। हालांकि राज्य विधानसभा की वर्तमान स्थिति में कांग्रेस भाजपा से बहुत पीछे है। विधानसभा में कुल 230 विधायकों की संख्या है, जिसमें बीजेपी के 165 विधायक है, वहीं कांग्रेस के सिर्फ 57 विधायक हैं, पर अभी चुनाव से पहले हालात अलग है और बीजेपी के खिलाफ लगातार आ रहे सर्वे भी कांग्रेस की बांछे खिला रहे हैं।

वहीं कांग्रेस के सर्वे को लेकर बीजेपी ज्यादा चिंतित नहीं है। बीजेपी इसे मुंगेरीलाल के हसीन सपने बता रही है। भाजपा सरकार में शिवराज सरकार का तीसरा कार्यकाल सबसे निराशाजनक रहा है। इस सरकार में विकास की गति काफी धीमी रही। वादे और घोषणाएं तो खूब हुए, लेकिन काम नहीं हुआ। खासकर भाजपा के कब्जे वाले विधानसभा क्षेत्रों में सरकार के साथ ही स्थानीय विधायक के खिलाफ जबरदस्त माहौल है। ऐसे में इस माहौल का फायदा उठाने के लिए कांग्रेस रणनीति बनाने में जुट गई है। वर्तमान सरकार के कुछ फैसलों से लोगों में नाराजगी है। कांग्रेस के लिए यही सबसे बड़ा आधार है, जिसके बल पर वह चुनाव जीतने का मंसूबा पाल सकती है।

वेब डेस्क, IBC24