भोपाल। किसान आन्दोलन के दूसरे दिन शनिवार को मंदसौर में कड़ी सुरक्षा के बीच शांति का माहौल है। हालांकि शनिवार को गांवों से आने वाला दूध फल सब्ज़ी और दूसरी रोज़मर्रा की चीजे नहीं पहुंची। जिसके चलते आम लोगों को इनके कुछ ज्यादा दाम चुकाने पड़े है। पिछली बार हुए किसान आंदोलन और उसके बाद हुई हिंसा के बाद से डरे आम लोगो पहले से जरूरी चीजों का स्टॉक घरों में कर लिया था।
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प्रशासन ने भी दावा किया है. कि आन्दोलन के दौरान किसी चीज की कमी नहीं आने दी जाएगी। वहीं सांची दूध डेयरी ने भी दावा किया है कि किसान आंदोलन पूर्ण होने तक का वो दूध की सप्लाई करते रहेंगे. उधर किसानों का कहना है कि हम किसान महोत्सव मना रहे है ये आन्दोलन नहीं है । इन दस दिनो में हम अपनी उपज शहरो में नही जाने देंगे ।
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02-Jun-18
नरसिंहपुर के तेंदूखेड़ा में किसानों ने आगामी 10 जून तक पूर्ण बंद का समर्थन करते हुए फलों और सब्जियों को बाजारों में फेंका और शहर में मार्च निकालते हुए सरकारी नीतियों का विरोध किया. किसानों का कहना है कि अन्नदाता दिन -रात एक करके उपज पैदा करता है बावजूद इसके उसे फसल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। साथ ही किसानों ने ये भी आरोप लगाया कि सरकारों की अनदेखी का खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ता है। किसानों ने मांगे नहीं मानने पर आंदोलन उग्र करने की चेतावनी दी है।
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भोपाल की सब्जी मंडी में भी सब्जियों की आवक कम है दलालों के माध्यम से आ रही सब्जी महंगी मिल रही है. वहीं किसान आंदोलन के दूसरे दिन ग्वालियर के दीनारपुर कृषि मंडी में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा. जबकि आम दिनों में दीनारपुर मंडी में भीड़ भाड़ रहती है। मंडी में केवल 4 से 5 ट्रॉली गेंहू और सरसों पहुंची है. किसानों का आरोप है कि उनके माल की खरीदी नहीं हो रही है। वहीं एहतियात के तौर पर ग्वालियर में धारा 144 लागू की गई है। ताकी कोई भी संगठन बिना अनुमति के धरना-प्रदर्शन नहीं कर सके।
वेब डेस्क, IBC24