मप्र: चंबल इलाके के बीहड़ों में उन्नत बीज विकसित करने के लिए फार्म बनाने की तैयारी | MP: Preparing to form to develop improved seeds in the ravines of Chambal region

मप्र: चंबल इलाके के बीहड़ों में उन्नत बीज विकसित करने के लिए फार्म बनाने की तैयारी

मप्र: चंबल इलाके के बीहड़ों में उन्नत बीज विकसित करने के लिए फार्म बनाने की तैयारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : June 16, 2021/11:35 am IST

मुरैना, (मप्र) 15 जून (भाषा) भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश के चंबल इलाके के बीहड़ों में उन्नत बीज विकसित करने के लिए विशाल फार्म तैयार करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए मंगलवार को कृषि मंत्रालय के अफसरों के अलावा भारतीय बीज विकास निगम (एसडीसीआई) के वैज्ञानिकों ने मुरैना जिले के दो गांवों के निकट बीहड़ों का दौरा किया।

मुरैना के अतिरिक्त कलेक्टर संजीव जैन ने बुधवार को बताया कि कृषि मंत्रलाय के एक वरिष्ठ अधिकारी और एसडीसीआई के वैज्ञानिकों के दल ने प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ मंगलवार को इस परियोजना के विकास के लिए उपयुक्त जगह की तलाश में जिले के छिनबरा और पिपराई गांवों का दौरा किया।

जैन ने कहा कि दल ने क्षेत्र में पौधों और जमीन के बारे में जानने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

एसडीसीआई के अधिकारियों ने बताया कि उन्नत बीज बनाने की ऐसी ही परियोजना राजस्थान के कोटा के पास बीहड़ों में चल रही है, जहां 22 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर हर फसल के उन्नत बीज तैयार किए जाते हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मुरैना जिले के बीहड़ों में भी यह परियोजना शुरू करने के लिये भी 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीन की जरुरत होगी।

जैन ने बताया कि दिल्ली-भोपाल से आए अफसरों को चंबल नदी किनारे के बीहड़ पसंद आए। कभी डकैत गिरोहों के लिए बदनाम रहे चंबल के बीहड़ उबड़-खाबड़ जमीन के टीले हैं, जोकि कृषि योग्य नहीं हैं।

पिछले साल जुलाई में मुरैना के सांसद और केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि तीन लाख हेक्टेयर से अधिक उबड़ खाबड़ (बीहड़) जमीन खेती के योग्य नहीं है। यदि इस क्षेत्र में सुधार किया जाता है तो यह ग्वालियर और चंबल के बीहड़ इलाकों के एकीकृत विकास में मदद करेगा।

तब बैठक का आयोजन ग्वालियर-चंबल इलाके के बीहड़ क्षेत्र में एक बड़े इलाके को कृषि योग्य भूमि में बदलने पर विचार-विमर्श करने के लिये किया गया था।

भाषा दिमो शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)