भारत नेट परियोजना के तहत केन्द्र सरकार का मकसद 1.5 लाख पंचायतों को 10 लाख किलोमीटर अतिरिक्त आप्टिकल फाइबर के जरिए जोड़ना और दूरसंचार कंपनियों को 75 प्रतिशत कम मूल्य पर बैंडविद्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में वाईफाई सेवाएं उपलब्ध कराना है। छत्तीसगढ़ डिजिटल भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है. राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केंद्रीय संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा की मौजूदगी में भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस परियोजना के जरिए गांवों और शहरों के बीच डिजिटल दूरी कम करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा।
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इस दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज डिजिटल क्रांति के नये युग में प्रवेश कर रहा है। आज भारत नेट परियोजना के द्वितीय चरण के लिए हो रहे समझौते से नये युग की आधुनिक तकनीकी का लाभ दूरस्थ अंचल के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना संभव हो सकेगा। इस ब्रांड बैंड हाईवे के माध्यम से सभी कल्याणकारी योजनाएं बेहतर तरीके से गांवों तक पहुंचेंगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारत नेट परियोजना के जरिए गांवों और शहरों के बीच डिजिटल दूरी कम करने के लिए छत्तीसगढ़ के 85 विकासखण्डों की पांच हजार 987 ग्राम पंचायतों को लगभग 1624 करोड़ रुपए की लागत से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
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वर्तमान में लगभग चार हजार ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल नेटवर्क से जोड़ने का काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा सपना है कि राजधानी रायपुर से प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में वीडियो कांफ्रेंसिग की सुविधा संभव हो सके। इस दिशा में यह परियोजना प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के लिए भारत नेट परियोजना के द्वितीय चरण की स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने गाँव-गाँव को इंटरनेट से जोड़कर #DigitalIndia का जो सपना देखा था वो भारत नेट परियोजना के रूप में साकार हो रहा है। आज केन्द्र व राज्य शासन के बीच हुए एमओयू से छत्तीसगढ़ में नए संचार युग शुरुआत हो गई है। pic.twitter.com/cKv6UpdJna
— Dr Raman Singh (@drramansingh) December 30, 2017
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि आज इंफारमेशन हाईवे विकास का सबसे बड़ा मानक है। रिंग पद्धति की अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर ग्राम पंचायतों तक बेहतर कनेक्टिविटी देने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 1830 करोड़ रूपए की लागत से 1028 मोबाइल टॉवरों की स्थापना की स्वीकृति भी केन्द्र द्वारा प्रदान की गई है।
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सिन्हा ने कहा आज आर्थिक स्थिति के स्थान पर व्यक्ति का ऑनलाईन या ऑफलाईन रहने का आंकलन ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि भारतनेट परियोजना के दूसरी चरण के लिए देश के आठ राज्यों के साथ अनुबंध किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ द्वारा किया जा रहा अनुबंध देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वोत्तम है। मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री रमन सिंह की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. सिंह वैज्ञानिक सोच के साथ छत्तीसगढ़ को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा रहे हैं। डॉ. रमन सिंह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को छत्तीसगढ़ की धरती में साकार कर रहे हैं।
The target of Phase-I of BharatNet comprising of 1,00,000 GPs has been achieved on 28th December 2017. pic.twitter.com/TEKJ8hbbPa
— Manoj Sinha (@manojsinhabjp) December 30, 2017
वेब डेस्क, ibc24
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