घासीदास की तपोभूमि में ऱाष्‍ट्रपति | President in groudhpuri dham

घासीदास की तपोभूमि में ऱाष्‍ट्रपति

घासीदास की तपोभूमि में ऱाष्‍ट्रपति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : November 6, 2017/6:26 am IST

रायपुर।अपने दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ पहुंचे ऱाष्‍ट्रपति  कोविंद आज  दूसरे दिन सतनाम पंथ के प्रवर्तक व महान समाज सुधारक संत गुरु बाबा घासीदास की तपोभूमि गिरौधपुरी  जायेंगे।उनके इस कार्यक्रम को खास बनाने के लिया घासीदास बाबा की भूमि को पूरा सतनाम के माहौल में रंगने के लिए आज राष्ट्रपति के स्वागत में रंगझांझर ग्रुप के कलाकारों द्वारा 500 पंथी कलाकारों के साथ विशेष पंथी नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।  राष्‍ट्रपति ने राज्‍योत्‍सव के समापन समारोह में अपने उद्बोधन में कहा की जिस वक्त उन्हें राज्योत्सव  कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया उन्होंने  मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से  प्रस्ताव रखा की क्या मेरी इस यात्रा के दौरान आप मुझे तपोभूमि गिरौधपुरी के दर्शन करवा सकता है और डॉ रमन ने तत्काल कहा की सर आपने मेरे मन की बात छीन ली है। आज  गिरौधपुरी धाम में राष्ट्रपति का जाना छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक बड़ा दिन माना जायेगा इसके पहले और भी राष्ट्रपति छतीसगढ़ प्रवास पर आये है लेकिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहले व्यक्ति  होंगे जो गिरौधपुरी जा रहे है।

कैसा रहा कल का दिन
 कल  राष्ट्रपति जैसे ही  विमानतल पर पहुंचे उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया साथ  परंपरानुसार,महापौर प्रमोद दुबे ने राष्ट्रपति को चॉबी सौंप कर शहर को उनके हवाले किया।रात में राजभवन में आयोजित भोज में भी राष्ट्रपति के साथ करीब सवा सौ वीआईपी मौजूद रहे  जिनमे मुख्यमंत्री रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, प्रेमप्रकाश पाण्डेय, अमर अग्रवाल, पुन्नूलाल मोहले, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, केदार कश्यप, महेश गागड़ा, दयालदास बघेल, भईयालाल राजवाड़े, रमशीला साहू, सांसद रमेश बैस, कमला देवी पाटले, कमलभान सिंह, डॉ. बंशीलाल महतो, चन्दूलाल साहू, रामविचार नेताम, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक शामिल थे.
छत्तीसगढ़ से गहरा लगाव
राष्ट्रपति का  मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ  आत्मीय रिश्ता है. राष्ट्रपति बनने के पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ का दौरा भी किया था. इस दौरान वे नया रायपुर भी गए थे. और छत्तीसगढ़ के विषय में उस समय मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ उनकी लंबी बातचीत भी हुई थी।  रामनाथ कोविंद ने तब ‘हमर छत्तीसगढ़’ का भी भ्रमण भी किया था और इस प्रोजेक्ट की तारीफ भी की थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने सम्बोधन में कहा है कि छत्‍तीसगढ़ में विकास की अनंत संभावनाएं हैं। छत्‍तीसगढ़ को लंबे संघर्ष के बाद राज्‍य का दर्जा मिला है। और  छत्‍तीसगढ़ के विकास में गुरु घासीदास का भी विशेष रुप से उल्‍लेख किया। श्री कोविंद ने शहीद वीरनारायण सिंह, गुंडाधूर आदि विभूतियों के साथ तीजनबाई का भी जिक्र किया। ने कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने में शहीद हुए 1100 जवानों की स्‍मृति को भी नमन किया। उन्‍होंने कहा कि इन लोगों ने अमन चैन बनाए रखने के लिए अपने जीवन की कुर्बानी दी.

क्यों  सौंपते हैं चॉबी

यह एक पंरपरा है। रामायणकाल में सबसे पहले भरत ने रामजी को अयोध्या वापसी पर नगर की पूरी जिम्मेदारी सौंपी थी। मुगलों और अंग्रेजों में भी यह प्रथा चलती आई जो गर्वनर तक रही। आजादी के बाद इसी परंपरा को निभाते हुए राष्ट्रपति जिस भी शहर में जाते हैं, वहां के मेयर शहर की चाबी सौंपते हैं।