रमन कैबिनेट की बैठक शुरू, शिक्षाकर्मियों के संविलियन मसौदा पर चर्चा, शाम 6:30 बजे होगी ब्रीफिंग | Raman Cabinet Meeting :

रमन कैबिनेट की बैठक शुरू, शिक्षाकर्मियों के संविलियन मसौदा पर चर्चा, शाम 6:30 बजे होगी ब्रीफिंग

रमन कैबिनेट की बैठक शुरू, शिक्षाकर्मियों के संविलियन मसौदा पर चर्चा, शाम 6:30 बजे होगी ब्रीफिंग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : June 18, 2018/11:57 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में बैठक चल रही है। यह बैठक शिक्षाकर्मियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बैठक में उनके संविलियन पर मुहर लगने की संभावना है। बैठक के बाद शाम 6:30 बजे ब्रीफिंग में फैसले की जानकारी दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि शिक्षाकर्मियों के संविलियन पर कैबिनेट की सोमवार को होने वाली बैठक में मुहर लगेगी। हालांकि मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह पहले ही संविलियन का ऐलान कर चुके हैं। माना जा रहा है कि संविलियन क्रमबद्ध किया जाएगा। पहले चरण में 8 वर्ष की सेवा पूरी कर लेने वाले शिक्षाकर्मियों को मौका मिलेगा। इससे करीब 1.40 लाख शिक्षाकर्मियों को लाभ होगा। शिक्षाकर्मी वर्ग-1, वर्ग-2 और वर्ग -3 की वेतन विसंगति, दस साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मियों के लिए क्रमोन्नति का प्रावधान, प्राचार्य और प्रधान पाठक बनाने की नीति, तबादला नीति और अनुकंपा नियुक्ति पर भी कैबिनेट निर्णय कर सकती है।

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बताते हैं कि इस साल संविलियन के दायरे में आने वाले शिक्षाकर्मियों को बढ़ा हुआ वेतन देने के लिए सरकार को डेढ़ हजार करोड़ रुपयों की अतिरिक्त जरूरत होगी। इसमें भी दो-तीन महीने लग जाएंगे। वजह यह कि नियमितीकरण के बाद उनके वेतन का कैलकुलेशन किया जाएगा। फिर वरिष्ठता के आधार पर पे रिवीजन और फिक्सेशन के बाद नया वेतन तय होगा। दो जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के पावस सत्र में सप्लीमेंट्री बजट में इसका प्रावधान किया जाएगा। नियमितीकरण से शिक्षाकर्मियों के वेतन में 8 से 15 हजार रुपए तक इजाफा होगा। शिक्षाकर्मी वर्ग एक के वेतन में 15 हजार रुपए तक इजाफा होगा। इससे उनका वेतन करीब 50 हजार रुपए हो जाएगा। शिक्षाकर्मी वर्ग दो की तनख्वाह में दस से बारह हजार रुपए बढ़ोतरी हो सकती है। इसी तरह शिक्षाकर्मी वर्ग तीन के वेतन में आठ से दस हजार रुपए बढ़ेंगे। कैबिनेट में इन बातों पर चर्चा होगी कि केवल नियमितीकरण में ही लगभग दो-तीन हजार करोड़ रुपए वेतन में अतिरिक्त लगेंगे। इसके अलावा रेगुलर हो जाने के बाद सरकार पर डीए की जिम्मेदारी आ जाएगी। इसका भी इंतजाम करना होगा। इसके साथ ही नियमित अन्य कर्मचारियों-अधिकारियों की भांति उनके लिए अन्य इंतजाम करने होंगे। शिक्षाकर्मियों के नियमित हो जाने के बाद केंद्र सरकार से इनके लिए मिलने वाला ग्रांट भी बंद हो जाएगा। प्रदेश में शिक्षाकर्मी करीब 1 लाख 80 हजार हैं। समिति ने जुलाई 2018 से संविलियन का प्रस्ताव दिया है।

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इधर, शिक्षाकर्मियों की ओर से नई मांग उठ रही है कि उनका संविलयन जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान के अनुसार किया जाए। वे यह भी चाहते हैं कि संविलियन में वर्ष बंधन न हो, ताकि पूरे एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों को इसका लाभ मिल सके। शिक्षाकर्मी मोर्चा के पदाधिकारी कैबिनेट के फैसले पर नजर रखने के लिए राजधानी पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है कि फैसले के बाद वे आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। छत्तीसगढ़ में इस साल चुनाव होने हैं। ऐसे में शिक्षाकर्मियों पर फैसला चुनाव में असर कर सकता है। यही वजह है कि शिक्षाकर्मियों के साथ पक्ष-विपक्ष दोनों की नजर इस पर टिकी हुई है।

वेब डेस्क, IBC24