चुनाव खत्म होते ही राइस मिलर्स ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, इस बात को लेकर हुए लामबंद | Rice Millers has opened a front against the government

चुनाव खत्म होते ही राइस मिलर्स ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, इस बात को लेकर हुए लामबंद

चुनाव खत्म होते ही राइस मिलर्स ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, इस बात को लेकर हुए लामबंद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : November 22, 2018/12:49 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स ने चुनाव खत्म होते ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजधानी रायपुर में हुई छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन की बैठक में राइस मिलर्स ने कस्टम मिलिंग का धान नहीं उठाने का निर्णय लिया है। 

अरवा राइस मिलर्स की मांग है कि उन्हें कस्टम मिलिंग के लिए सिर्फ सरना धान ही दिया जाए। वहीं सरकार इस बार अरवा राइस मिलर्स को सरना के साथ साथ मोटा और पतला धान भी लेने के लिए बाध्य कर रही है। राइस मिलर्स का कहना है कि मोटा और पतला धान से अरवा चावल नहीं बनता है। उन्होंने चुनाव के पहले इस संबंध में खाद्य मंत्री और विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर कस्टम मिलिंग के लिए अरवा राइस मिलर्स को सरना धान ही देने की मांग की थी लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।

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अब राइस मिलर्स इस मुद्दे को लेकर लामबंद हो गए हैं। उनका कहना है कि चुनाव के बाद चाहे किसी की भी सरकार बने, अरवा राइस मिलर्स किसी भी स्थिति में मोटा और पतला धान नहीं लेंगे। राइस मिलर्स के तेवर को देखकर ऐसा लगता है कि ये मुद्दा छत्तीसगढ़ की नई सरकार के लिए चुनौती होगा।