रायपुर। सुप्रीमो कोर्ट ने बिलासपुर हाईकोर्ट को छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण संबंधी मामलों का निराकरण तीन महीने में करने के लिए कहा है।
बता दें कि 18 जनवरी को 2012 को राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर आरक्षण को 50 से 58 प्रतिशत कर दिया। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लगाई गई। जिसपर हाईकोर्ट ने स्टे भी दे दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने 9 जुलाई 2012 को यह कहते हुए स्टे हटा दिया कि जितनी भी भर्तियां होंगी वह कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन रहेंगी।
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हाईकोर्ट में यह मामला सालों से पेंडिंग होने के कारण पीड़ित चंद्रकांत पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। इस पर सुप्रीमो कोर्ट ने हाईकोर्ट को कहा है कि 58 प्रतिशत आरक्षण संबंधी मामले के लिए एक उपयुक्त पीठ का गठन करें ताकि सभी मामलों का त्वरित निराकरण 3 महीनों के भीतर हो सके।
याचिकाकर्ता चंद्रकात पांडे के अनुसार अगर इस मामले पर हाईकोर्ट का फैसला आता है तो 2012 के बाद पीएससी, व्यापमं और विभागीय परीक्षाओं से नियुक्त लोगों की नौकरी खतरे में आ जाएगी। चूंकि सभी परीक्षाओं के विज्ञापन में हाईकोर्ट की एक याचिका क्रमांक का जिक्र किया गया है, जिसके तहत सभी भर्तियां कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन रहेंगी।
वेब डेस्क, IBC24