बलरामपुर। शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लाख दावे सरकार क्यों न करे, लेकिन हालात वही ढाक के तीन पात है। हम आपको छत्तीसगढ़ के बलरामपुर लेकर चल रहे हैं, जहां पिछले 22 सालों एक स्कूल गोशाला में संचालित हो रहा है। जिले के जनपद पंचायत संकरगढ के ग्राम देवसरा में 1996 से स्कूल की शुरूआत हुई और तभी से यहां का स्कूल एक गोशाल में ही चल रहा है।
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यहां बच्चों की संख्या भी अच्छी है और शिक्षकों की बाकायदा तैनाती है, भवन नहीं है। मजबूरी में यहां टीचर गाय के कोठार में ही स्कूल लगा रहे हैं और बच्चों को पढा रहे हैं। पहली से पांचवी तक सभी बच्चों को एक साथ ही बिठाकर पढ़ाया जाता है। यहां पढ़ाई कर रही छात्राओं ने बताया की वो रोजाना स्कूल आती हैं और बड़े होकर टीचर बनना चाहती हैं लेकिन इस स्कूल में पढ़कर वो कैसे अपना भविष्य बनाएंगे।
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शिक्षकों के मुताबिक साल 2013 में यहां एक स्कूल भवन का निर्माण जरूर किया गया था, लेकिन उसका निर्माण ऐसा हुआ है की वो कभी भी गिर सकता है। स्कूल भवन की ये हालत देखकर शिक्षकों ने उसका हैंडओवर ही नहीं लिया है। वहीं इस मामले में अधिकारी की मानें तो उन्हें इसके बारे में जानकारी ही नहीं है। मीडिया से जानकारी मिलने की बात कर रहे हैं और तत्काल इस पर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं।