शिक्षाकर्मी संविलियन के लिए एक और अध्ययन दल तैयार, 10 से मप्र का दौरा | Shikshakarmi Sanviliyan:

शिक्षाकर्मी संविलियन के लिए एक और अध्ययन दल तैयार, 10 से मप्र का दौरा

शिक्षाकर्मी संविलियन के लिए एक और अध्ययन दल तैयार, 10 से मप्र का दौरा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : May 6, 2018/1:52 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के संविलियन मसले पर अध्ययन टीम 10 मई को मध्यप्रदेश के दौरे पर जाएगी। पंचायत विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपी मंडल की अगुवाई में दल का गठन किया गया है। उधर, दौरे के औचित्य पर शिक्षाकर्मी संघ के नेता विरेंद्र दुबे ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश में नीति ही नही बन पाई है वहाँ अफसर क्या अध्ययन करेंगे। उन्होंने कहा कि हाई पावर कमेटी का लगातार कार्यकाल बढ़ाने के कारण काफी किरकरी हुई। ऐसे में मध्यप्रदेश जाने का कोई औचित्य नहीं है। 

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने केवल घोषणा की है। जबकि राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यों ने इस पर बेहतर काम कर इस समस्या का स्थाई समाधान ढूंढ लिया है। कमेटी पिछले माह राजस्थान दौरा करके आ चुकी है, जिसके कारण 1 मई की बैठक को लेकर शिक्षाकर्मियों में जबरदस्त उत्साह देखा गया था, परन्तु मुख्यसचिव द्वारा मप्र दौरे की बात कहने से नाराजगी में बदल गई। 

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मिली जानकारी अनुसार 10 मई को एक कमेटी आर पी मण्डल, पँचायत सचिव छग शासन की अगुवाई में मप्र की संविलियन नीति का अध्ययन करने जा रही है। प्राप्त जानकारी अनुसार यह कमेटी मप्र में 2 दिनों तक रहकर समस्त बारीकियों का अध्ययन करेगी। ऐसे में सवाल उठता है कि जब मप्र में कोई संविलियन आदेश हुआ ही नही है तो कमेटी आखिर किस चीज का अध्ययन करेगी। 

कमेटी के मप्र दौरे को लेकर शिक्षक पँ ननि मोर्चा के प्रांतीय संचालक विरेन्द्र दुबे ने कहा कि- जहाँ अब तक संविलियन नीति ही नही बन पाई है उस राज्य का अध्ययन करने की बात कहना हास्यास्पद है। राजस्थान ने उत्तम मॉडल प्रस्तुत किया है जहाँ कमेटी दौरा करके आ चुकी है..क्या अब ये हाईपावर कमेटी ऐसे ही भारत भ्रमण करते रहना चाहती है। उन्होंने कहा है कि क्या हमारे प्रशासनिक अधिकारी अन्य राज्यो के लिए आदर्श स्थापित नही कर सकती..? इस टालमटोल रवैया को छोड़ना होगा और जल्द ही समस्त शिक्षाकर्मियों का  संविलियन करना होगा,अन्यथा शिक्षाकर्मियों में असंतोष और आक्रोश बढ़ते जाएगा। उन्होंने कहा कि 11 मई को महासम्मेलन से पहले संविलियन की घोषणा कर देनी चाहिए। 

 

मोर्चा के प्रांतीय उपसंचालक जितेन्द्र शर्मा ने कहा कि कि शिक्षाकर्मियों ने 5 माह तक अपना धैर्य बनाये रखा है, किन्तु अब शासन द्वारा किये जा रहे नाहक विलम्ब से सब्र का बांध टूटने लगा है। प्रदेश के समस्त शिक्षाकर्मी 11 मई की महापंचायत में शामिल होने राजधानी आने के लिए आतुर हैं क्योंकि लगातार कमेटी का कार्यकाल और राज्यो के दौरे की बात से वे खफा हैं।

वेब डेस्क, IBC24