Shimla Me Ghumne ki Jagah

शिमला जानें का बना रहें है प्लान, इन 15 खूबसूरत जगहों पर जाना न भूलें, यहां देखें शिमला में घूमने के बेस्ट स्पॉट

Shimla Me Ghumne ki Jagah इस गर्मियों के मौसम में शिमला जाने का बना रहे है प्लान तो इम जगहों को अपनी लिस्ट में करें एड

Edited By :   Modified Date:  May 15, 2023 / 05:41 PM IST, Published Date : May 15, 2023/5:41 pm IST

Shimla Me Ghumne ki Jagah: उत्तर भारत का राज्य हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला गर्मियों के मौसम में घूमने के लिए पर्यटकों के लिए सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन है। यह 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां की टॉय ट्रेन और बर्फबारी आदि का आनंद उठाने के लिए पर्यटक साल भर यहां पर आते हैं। यूं तो शिमला में साल भर पर्यटकों का आना जाना रहता है। इसकी सुंदरता हर मौसम में बरकरार रहती है। लेकिन शिमला घूमने का सबसे उचित समय मार्च से जून जुलाई तक का होता है। शिमला में 2 दिन की यात्रा का औसतन खर्च एक व्यक्ति का ₹5000 से ₹6000 हो सकता है।

अर्की किला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: अगर आप एक इतिहास प्रेमी है और शिमला घूमने जा रहे हैं तो अर्की कीला घूमने जरूर जाएं। जो शिमला में मौजूद ऐतिहासिक इमारत है, जिसका निर्माण 1660 ईस्वी में किया गया था। इस इमारत का निर्माण राजपूत और मुगल दोनों वास्तुकला में किया गया है। इस इमारत की सबसे बड़ी खासियत उसके अंदर मौजूद पैंटिंग्स है, जो बहुत पुरानी है। कुछ पेंटिग्स को तो 200 साल पुरानी होने की उम्मीद लगाई जाती है। इस किले की खूबसूरत वास्तुकला और पेंटिग्स देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे।

कुल्लू

Shimla Me Ghumne ki Jagah: शिमला में 1230 मीटर की उचाई पर स्थित चारों ओर से देवदार की पहाड़ियों से घिरा हुआ एक राजसी पहाड़ियों के साथ एक खुली घाटी है, जो शिमला का बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। कुल्लू घाटी को देवताओं के घाटी भी कहा जाता है, जो विज नदी के किनारे बसा हुआ है। कुलंथपीठ कुल्लू का पुराना नाम है, जिसका अर्थ होता है रहने योग्य दुनिया का अंत। कुल्लू में खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य को देखकर टुरिस्ट मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ पर रघुनाथ मंदिर और जगतनाथ देवी मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। यहां पर दशहरा का पर्व बहुत ही रंग बिरंगी तरीके से मनाया जाता है। गर्मियों के मौसम में कुल्लू देश भर के पर्यटकों के लिए सबसे मन पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस है।

नालदेहरा

Shimla Me Ghumne ki Jagah: समुद्र तल से 2044 मीटर की उचाई पर स्थित देवदार के पेड़ से घिरा हुआ नालदेहरा एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह हिल स्टेशन सूर्योदय और सूर्यास्त साइट के लिए बहुत ही लोकप्रिय है।
इस समय यहाँ पर आपको बहुत ही सुंदर व्यू देखने को मिलते हैं, जिसे आप अपने कैमरे में कैप्चर कर सकते हैं। इस जगह की खूबसूरती को पूरी तरह से कवर करने के लिए आप यहाँ पर घोर सवारी का भी आनंद ले सकते हैं।
यह जगह शहर के भीड़भाड़ इलाकों से दूर बहुत ही शांत वातावरण से घित हुआ है। यहाँ पर इतनी शांति होती है कि आप हवाओं के बहने की भी आवाज सुन सकते हैं।

शिमला राज्य संग्रहालय

Shimla Me Ghumne ki Jagah: अगर आप इतिहास को जानने में रुचि रखते हैं तो आपको शिमला की यात्रा के दौरान शिमला राज्य संग्रहालय को जरूर विजिट करना चाहिए। इस संग्रहालय का निर्माण 1974 में सांस्कृतिक समृद्धि को सुरक्षित रखने एवं अतीत को दर्ज करने के उद्देश्य से किया गया था। इस संग्रहालय का निर्माण औपनिवेशिक शैली में किया गया है। संग्रहालय के अंदर पुस्तकालय भी है, जहां पर आपको कई तरह के पुस्तक मिल जाती है। संग्रहालय के अंदर कई मूर्तियां पेंटिंग्स, सिक्के और हस्तशिल्प का भी संग्रह है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को इतिहास से संबंधित कई नई-नई चीजें जानने का मौका देती है।

मनाली

Shimla Me Ghumne ki Jagah: शिमला में कुछ ही दूरी पर कुल्लू जिले के उत्तरी भाग में व्यास नदी के घाटी में समुद्र तल से 2,050 की ऊँचाई पर स्थित मनाली एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह शिमला का बहुत ही लोकप्रिय और आकर्षक पर्यटन स्थल है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मनाली हिंदू देवता और कानूनविद् मनु का निवास स्थान बताया जाता है। इसलिए उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम मनाली पड़ा है। पहले इस शहर को मनु अल्लाया के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ मनु का निवास होता है। पुराने समय मे यहां कांगड़ा घाटी से आए हुए खानाबदोश शिकारी और चरवाहों का मुख्य स्थान हुआ करता था। मनाली तीन समीपवर्ती पहाड़ियों का एक संग्रह है। प्रत्येक में एक गाँव और एक पुराना मंदिर स्थित है। यहाँ पर मनु मंदिर, वशिष्ठ मंदिर और हडिम्बा मंदिर है। हडिंबा मंदिर को देवदार की लकड़ियों से बनाया गया है, जो विशाल आकार में है और लगभग पुराना है। यहां आने वाले पर्यटकों को खूबसूरत मंदिर के दर्शन करने के अतिरिक्त पर्वतारोहण, ट्रैकिंग और स्कीइंग जैसे रोमांचक गतिविधियों का आनंद लेने का भी मौका मिलता है। यहाँ पर यूरोपीय कैफे भी है जहाँ पर आप यहाँ के प्रमुख स्थानीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं।

क्राइस्ट चर्च शिमला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: शिमला में द रिज पर स्थित क्राइस्ट चर्च उत्तरी भारत का दूसरा सबसे पुराना चर्च है, जिसका निर्माण अंग्रेजों के शासनकाल में किया गया था। चर्च को डिजाइन कर्नल जेटी बोयलियो के द्वारा किया गया था। जिसके निर्माण में कुल 13 साल का समय लगा था। 1844 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 1857 में यह बनकर खत्म हुआ था। इस चर्च में ईसाई धर्म के विश्वास परोपकार, धैर्य, उम्मीद और विनम्रता का प्रतीक दर्शाते हुए पांच कीमती कांच से बनी खिड़कियां लगी हुई है। 1873 में चर्च के ऊपर पोर्च जोड़ा गया था। यह चर्च आज भी शिमला की शान बना हुआ है। चर्च में ग्लास खिड़कियां, फ़्रेस्कोस और क्लॉक टॉवर जैसे कुछ आकर्षण है। इस चर्च की एक और विशेषता यह है कि जब इस चर्च को काफी किलोमीटर दूरी से देखा जाता है तो यह एक ताज की तरह दिखाई देता है। शिमला आने वाले ट्यूरिस्ट इस चर्च को विजिट करना नहीं भूलते हैं। अगर आप यह चर्च विजिट करना चाहते हैं तो रविवार को आ सकते हैं। ये हर रविवार को खुला रहता है।

कुफरी शिमला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: अगर आप शिमला में प्रकृति के बीच अकेले कुछ शांत पल बिताना चाहते हैं तो कुफरी शिमला आपकी मनपसंद जगह साबित हो सकती है। प्रकृति प्रेमियों और एड्वेंचर के शौक रखने वाले पर्यटकों के लिए शिमला में यह सबसे आकर्षक जगह है, जो शिमला हिल स्टेशन से 17 किलोमीटर की दूरी पर 2510 मीटर की ऊँचाई पर और हिमालय की तलहटी में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। कुफरी जाने पर आपको कई शानदार नजारे देखने को मिलेंगे। इसके लिए अपने साथ कैमरा ले जाना ना भूलें ताकि आप आप कुफरी के खूबसूरत दृश्य को कैमरे में कैप्चर कर सके।

माल रोड शिमला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: माल रोड, शिमला के केंद्र में स्थित एक भीड़भाड़ वाला बाजार है, जो कई कैफे, रेस्तरां, पुस्तक की दुकान और कई आकर्षक चीजों को बेचने वाली दुकानों से भरा हुआ है। यहाँ पर मनोरंजन के लिए क्लब भी है। मालरोड रिज के नीचे स्थित शिमला की एक खूबसूरत बाजार है, जहाँ पर आपको हर एक चीज़ आकर्षक लगेगी। वहाँ पर आप शिमला के यात्रा को याद के रूप में कई चीजें खरीद सकते हैं।

जाखू हिल शिमला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: 8000 फ़ीट ऊंची जाखू हिल शिमला हिल स्टेशन में सबसे ऊंची चोटी है, जो शिमला के मुख्य शहर से केवल दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिमला में यह पर्यटकों के बीच सबसे प्रसिद्ध और आकर्षक पर्यटन स्थल है। यहाँ पर आपको बर्फ़ से ढके हिमालय की खूबसूरत दृश्य देखने को मिलेंगे। इसके अतिरिक्त यहाँ पर पहाड़ की उचाई पर एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है, जो हनुमान जी को समर्पित है। उस मंदिर का नाम जाखू मंदिर है और उसी पर इस हिल स्टेशन का नाम भी पड़ा है। जाखू हिल स्टेशन की खूबसूरती शिमला आने वाले पर्यटकों को इधर खींच ले आती है।

कालका शिमला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: अगर आप शिमला जाते हैं तो नारकंडा और कालका शिमला जाना बिल्कुल भी ना भूलें। यह शिमला से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहाँ पर आप बर्फ़ से ढकी खूबसूरत नजारे को देखने का आनंद ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ पर आप कई एड्वेंचर कर सकते हैं और कैंपिंग भी कर सकते हैं, जिसका किराया लगभग ₹1500 लगता है। इसके साथ ही कालका शिमला का रेलवे स्टेशन जहाँ पर आपको टॉय ट्रेन देखने को मिलेंगे, इस पर चढ़ना बिल्कुल भी न भूलें। क्योंकि यह ट्रेन कालका से शिमला तक चलता है और समरहिल, सोलन जैसे कई पर्यटन स्थलों के साथ कई खास जगहों से गुजरता है। इसके अतिरिक्त यह ट्रेन कई आकर्षक दृश्यों के साथ सुरंग और पूलो के माध्यम से गुजरता है, जो आपको बहुत ही रोमांचकारी अनुभव कराता है। कालका शिमला रेलवे स्टेशन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के सूची में भी शामिल है, जिसका निर्माण ब्रिटिश काल में 1898 ईस्वी में किया गया था।

सोलन शिमला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: शिमला में विभिन्न घूमने लायक जगहों में से एक सोलन शिमला है, जिसे मशरूम्स शहर और लाल सोने के शहर के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस शहर में मशरूम और टमाटर बड़ी मात्रा में उत्पादित दिए जाते हैं। हालांकि इस शहर का आर्थिक विकास का श्रेय ब्रिटिश सरकार को ही जाते हैं। क्योंकि उन्होंने ही प्रारंभ में इस शहर का आर्थिक विकास किया, जिसके कारण आज यह शहर भारत भर में प्रसिद्ध है। इस शहर का मौसम पूरे साल भर बहुत ही खुशनुमा रहता है, जिसके कारण यहाँ आने वाले पर्यटकों को यह जगह बहुत ही खूबसूरत और लुभावना लगता है।

द रिज शिमला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: शिमला के केंद्र में स्थती द रिज बर्फ़ से यक खूबसूरत जगह है। यह मॉल रोड के किनारे स्थित है। ब्रिटिश काल में गर्मियों के समय यह रुकने के लिए सबसे लोकप्रिय जगह हुआ करती थी। आज भी यहाँ पर्यटकों और स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी रहती है। खासकर के संध्या के समय बर्फ़ से ढके सफेद चादर में जब स्थानीय लोगों के घर एवं दुकानों में लाइट जलती है तो एक अलग ही दृश्य उत्पन्न होता है। यहाँ सड़क के किनारे कई सारी दुकानें हैं, जहाँ पर विशेष कलाकृतियाँ बेची जाती हैं। इसके अतिरिक्त सड़क के किनारे अन्य कई कैफे, बार, बुटीक और रेस्त्रां भी है। अगर आप शिमला जाते हैं तो इस जगह को जरूर विजिट करें। यकीन मानिए एक बार यहां जगह पर आने के बाद यहाँ से आपको जाने का मन नहीं करेगा।

समर हिल

Shimla Me Ghumne ki Jagah: समर हिल शिमला के बाहरी इलाके में स्थित एक उपनगर है। समुद्र तल से लगभग 2,123 मीटर की ऊंचाई पर स्थित समर हिल चारो तरफ से हरे बड़े पेड़-पौधों और पहाड़ियों से घिरा हुआ एक खूबसूरत घाटी है। समर हिल पर बहुत सारी खूबसूरत देवदार और चीड़ के वृक्ष पाए जाते हैं। समर हिल को पॉटर हिल के भी नाम से जाना जाता है क्योंकि पुराने समय में यहाँ पर स्थान कुम्हार लोग आकर साथ मिलकर मटके बनाया करते थे। समर हिल शिमला का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल रिज से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। समरहिल की सड़कों पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय भी स्थित है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर कई शानदार आवासीय भवन भी स्थित हैं, जिनमें से एक सूप्रख्यात चित्रकार अमृतसर गिल का भी आवास है। शिमला आने वाले सैलानी भारी संख्या में समरहिल के मनोरम दृश्य का आनंद लेने के लिए आते हैं।

चैल हिल स्टेशन शिमला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: शिमला से 44 किलोमीटर और सोलन से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चैल हिल स्टेशन सिमला का प्राकृतिक सौंदर्य से भरा खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। यहां पर मौजूद चैल पैलेस अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रख्यात है। यहाँ पर समुद्र तल से 2444 मीटर की ऊँचाई दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान स्थित है। इसके साथ ही एक पोलो का मैदान भी है। चैल हिल में मौजूद कई सारे पैलेस को एंग्लो-नेपाली युद्ध में पूर्व सहायता के लिए ब्रिटिश काल में पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह के द्वारा स्थापित किया गया था।

दारा घाटी अभयारण्य शिमला

Shimla Me Ghumne ki Jagah: शिमला के ऊपरी भाग में स्थित तारा घाटी अभ्यारण शिमला के मुख्य शहर से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण 167 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पहले यह जगह रामपुर बुशहर शाही परिवारों के लिए एक शिकार की जगह हुआ करती थी। लेकिन 1962 में इसे एक अभ्यारण के रूप में अधिसूचित किया गया। इस अभ्यारण में कई तरह के वन्यजीव मौजूद हैं, जिसमें मोनाल, कोकलास, कालिज और ट्रागोपन जैसे विभिन्न प्रजाति के तीतर प्रमुख है। इसके अतिरिक्त कस्तूरी मृग, थार और गोराल जैसे जानवर भी इस अभ्यारण में पाए जाते हैं।

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