लखनऊ, 13 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश भाजपा में मंत्रियों और विधायकों के त्यागपत्र का सिलसिला बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य तथा वन मंत्री दारा सिंह चौहान के बाद राज्य सरकार के आयुष खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन मंत्री धर्मसिंह सैनी ने भी आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
राज्यपाल को भेजे गए इस्तीफे में सैनी ने कहा कि दलितों, पिछड़ों, किसानों, शिक्षित बेरोजगारों, छोटे एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति लगातार उपेक्षात्मक रवैये के कारण वह मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहे हैं।
इससे पहले, फिरोजाबाद की शिकोहाबाद सीट से भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भेजे गए त्याग पत्र में उन्होंने लिखा है कि पार्टी में पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को कोई तवज्जो नहीं दी गई और ना ही उन्हें सम्मान दिया गया। न्याय नहीं मिलने के चलते स्वामी प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में वह इस लड़ाई को जारी रखने के लिए भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
सहारनपुर की नकुड़ सीट से भाजपा विधायक धर्मसिंह सैनी गत मंगलवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी माने जाते हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह भी मौर्य और इस्तीफा देने वाले एक अन्य मंत्री दारा सिंह चौहान के साथ समाजवादी पार्टी का दामन थामेंगे। पिछले तीन दिनों के दौरान इस्तीफा देने वाले वह सरकार के तीसरे मंत्री हैं।
दो दिन पहले अपने इस्तीफे की बात से इनकार करने वाले सैनी ने आज त्यागपत्र देने के बाद संवाददाताओं से कहा ‘यह अचानक लिया गया फैसला नहीं था। कल एक और मंत्री इस्तीफा देंगे।’ हालांकि उन्होंने उस मंत्री का नाम नहीं लिया।
सैनी ने कहा कि पूर्व में भाजपा के 140 विधायकों ने दलित और पिछड़ा विरोधी नीतियों का विरोध किया था लेकिन उनकी आवाज को दबा दिया गया और उन्हें धमकाया गया।
उन्होंने कहा, ‘उसके बाद हमें पता लगा कि पार्टी में हमारी औकात क्या है और क्योंकि हम ज्यादा कुछ कर नहीं सकते थे इसलिए हमने बदलाव के समय का इंतजार किया। पिछले पांच वर्षों के दौरान हमारा शोषण किया गया। निकट भविष्य में उन 140 विधायकों में से बहुत से लोग इस्तीफा देंगे।’’
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में धर्मसिंह सैनी के साथ अपनी तस्वीर साझा की। उन्होंने ‘मेला होबे’ हैशटैग से किए गए ट्वीट में कहा, ‘सामाजिक न्याय के एक और योद्धा डॉक्टर धर्मसिंह सैनी के आने से सबका मेल-मिलाप-मिलन कराने वाली हमारी सकारात्मक और प्रगतिशील राजनीति को और भी उत्साह व बल मिला है। सपा में उनका ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है। बाइस में समावेशी सौहार्द की जीत निश्चित है।’
सैनी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात को संतोषजनक बताते हुए कहा, ‘भाजपा एक डूबती नाव है। अखिलेश बहुत अच्छे नेता हैं जिन्हें वास्तव में लोगों की चिंता है। वह दलितों और पिछड़ों के मसीहा हैं। हमने 2017 में भाजपा की सरकार बनाई थी और 2022 में उनकी सरकार बनाएंगे।’
दावा किया जा रहा है कि अभी भाजपा सरकार के कुछ और मंत्री तथा विधायक इस्तीफा देंगे।
मौर्य के इस्तीफा देने के बाद प्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों के त्यागपत्र देने का सिलसिला शुरू हो गया है। अब तक भाजपा के आठ मंत्री और विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। लगभग सभी जनप्रतिनिधियों ने सरकार पर दलितों पिछड़ों और अन्य कमजोर वर्गों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
इस बीच, स्वामी प्रसाद मौर्य ने बृहस्पतिवार को एक ट्वीट कर अपने इरादे जाहिर किए। उन्होंने कहा, ‘नाग रूपी आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) एवं सांप रूपी भाजपा को स्वामी रूपी नेवला यू.पी. से खत्म करके ही दम लेगा।’
इस बीच, प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा और लखीमपुर खीरी जिले की धौरहरा सीट से भाजपा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी के भी इस्तीफा देने की खबरें सामने आई लेकिन वर्मा ने शाम को एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, ‘कुछ समाचार चैनलों और सोशल मीडिया पर उनके इस्तीफे की गलत खबरें प्रसारित की जा रही है यह एक साजिश है।’
वहीं, अवस्थी के इस्तीफे को लेकर अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है।
भाषा सलीम जफर सं अर्पणा
अर्पणा
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