मुजफ्फरनगर में महंगाई और जीएसटी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न अहम मुद्दे |

मुजफ्फरनगर में महंगाई और जीएसटी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न अहम मुद्दे

मुजफ्फरनगर में महंगाई और जीएसटी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न अहम मुद्दे

:   Modified Date:  April 17, 2024 / 06:49 PM IST, Published Date : April 17, 2024/6:49 pm IST

मुजफ्फरनगर (उप्र), 17 अप्रैल (भाषा) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं के एक तबके के लिये महंगाई चिंता का विषय है। वहीं, यहां के व्यापारियों के लिये वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर कथित उत्पीड़न एक अहम मुद्दा है लेकिन उनके लिये कानून—व्यवस्था का विषय सबसे ऊपर है।

मुजफ्फनगर शहर की रहने वाली बीबी दो बच्चों की मां हैं। उनका कहना है कि नगर में बहुत सी समस्याएं हैं जिनका समाधान किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा, ”कुछ सड़कों का बुरा हाल है। कुछ गरीब लोगों के पास कोई भी सुविधा नहीं है। बच्चों को शिक्षा हासिल करने के लिये बहुत दूर-दूर जाना पड़ता है। ऐसा नहीं होना चाहिये।”

बीबी ने कहा, ”आसमान छूती महंगाई तो बेकाबू हो चुकी है। चीजों के दाम कम होने चाहिये।”

‘सबमर्सिबल पाइप’ की दुकान चलाने वाले विजय कुछल ने कहा, ”व्यापारी वर्ग जीएसटी और कारोबार से जुड़ी अन्य समस्याओं से परेशान है, मगर उसके लिये कानून-व्यवस्था सबसे बड़ी प्राथमिकता है। यही वजह है कि यह वर्ग भाजपा का समर्थन कर रहा है।”

उन्होंने कहा, ”मुजफ्फरनगर की सड़कें अच्छी बन गयी हैं और रेलवे स्टेशन का फिर से विकास किया जा रहा है। मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव बालियान व्यापारियों की इससे ज्यादा मदद नहीं कर सकते। उन्हें वित्त मंत्रालय से नीतिगत स्तर पर सहयोग की जरूरत है। हमें उनसे इससे ज्यादा कोई अपेक्षा नहीं है। हम तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चेहरा देखते हैं।”

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के उपाध्यक्ष कृष्ण गोपाल मित्तल ने कहा कि पूर्व में मुजफ्फरनगर के व्यापारी सुरक्षा और बिजली आपूर्ति जैसे अनेक मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करते थे और पुतले फूंकते थे।

उन्होंने कहा, ”अब व्यापारी शांतिपूर्ण माहौल चाहते हैं। पहले उनके साथ लूट और अपहरण की वारदात होती थीं। वे स्कूटर पर नकदी रखकर बैंक या घर जाने से डरते थे। वहीं उनके परिवार के सदस्य अपने घर की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते थे।”

स्थानीय व्यापारी राकेश त्यागी ने कहा कि आज महिलाएं और लड़कियां देर शाम खरीदारी के लिए बाजार जा सकती हैं और सुरक्षित घर लौटती हैं। उन्होंने कहा, ‘आज व्यापार के लिए अच्छा माहौल है जबकि पहले की सरकारों के राज में अगर हम नकदी लेकर चलते थे तो वह हमसे छीन ली जाती थी।’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, इंस्पेक्टर राज की समस्या है, चाहे वह जीएसटी विभाग में हो या बिजली विभाग में। हम कर देने वाले व्यापारी हैं और हमारा आग्रह है कि सरकार इस मुद्दे पर ध्यान दे।’

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश मंत्री बलविंदर सिंह ने कहा कि व्यापारी और किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

सिंह ने कहा, ‘जीएसटी से मिलने वाले राजस्व से सरकार को देश चलाने और कर्मचारियों को वेतन देने में मदद मिलती है। अब प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के राज में उनका पैसा और काम सुरक्षित है लेकिन जीएसटी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न बंद किया जाना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ”अगर हम जीएसटी का भुगतान करते हैं, तो हमें राहत भी मिलनी चाहिए। कर देने वालों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। अब व्यापारियों के बच्चे भी बड़े शहरों में चले जाते हैं, जिससे उन्हें बुढ़ापे में मदद की जरूरत होती है। बुजुर्ग व्यापारियों को सरकार से कुछ सहायता मिलनी चाहिए।’

शहर के सरवट इलाके में रहने वाले मेराज ने कहा कि मुजफ्फरनगर में मुख्य मुद्दे सांप्रदायिक सद्भाव और रोजगार के हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई—भाषा’ से कहा, ‘हिंदू-मुस्लिम पूर्वाग्रह और काम के अवसरों की कमी, ऐसे मुद्दे हैं जिनका हम सामना कर रहे हैं। मेरी राय में, सांप्रदायिक भेदभाव बढ़ गया है। मुझे उम्मीद है कि हालात बदलेंगे और ‘अमन-शांति’ कायम होगी। रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों की महंगाई भी एक चिंता का विषय है।”

पंखों की मरम्मत करने वाले मोहम्मद फुरकान ने कहा कि ‘भेदभाव’ बंद होना चाहिए, बाकी सब ‘मौज चल रही है’।

यह पूछे जाने पर कि क्या मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक पूर्वाग्रह कायम है, उन्होंने जोर देकर कहा, ‘बेशक, ऐसा होता है। मुसलमानों को शक की निगाह से देखा जाता है, मानो वह कुछ नुकसान पहुंचाने वाली चीज ले जा रहा है।’

फुरकान ने कहा, ”हालांकि मुझसे कोई कुछ नहीं कहता। दरअसल, अगर लोग आपको जानते हैं तो वे भाइयों की तरह मिलते हैं। बाकी इस सरकार में कोई समस्या नहीं है। कुल मिलाकर मुजफ्फरनगर एक शांतिपूर्ण जगह है।”

स्थानीय व्यवसाय से जुड़े बी एस मिश्रा ने कहा कि सरकार व्यापारियों पर ध्यान नहीं दे रही है और यह समुदाय चिंतित है।

मुजफ्फरनगर में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आगामी 19 अप्रैल को मतदान होगा।

भाषा किशोर सलीम

राजकुमार

राजकुमार

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)