मेरठ रैलीः अखिलेश बोले-जो पैदा करें खाई, वही भाजपाई; सपा-रालोद गठबंधन का ऐलान |

मेरठ रैलीः अखिलेश बोले-जो पैदा करें खाई, वही भाजपाई; सपा-रालोद गठबंधन का ऐलान

मेरठ रैलीः अखिलेश बोले-जो पैदा करें खाई, वही भाजपाई; सपा-रालोद गठबंधन का ऐलान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : December 7, 2021/7:13 pm IST

मेरठ (उप्र), सात दिसंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को यहां दबथुआ गांव में आयोजित रैली में भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के पास मुद्दे नहीं बचे हैं और इसीलिए वह अब लोगों के बीच खाई पैदा करने का काम कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ‘‘जो पैदा करें खाई, वही भाजपाई।’’ इस दौरान उन्होंने और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सपा-रालोद के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा की। इस मौके पर चौधरी ने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी ‘‘डबल इंजन’’ की सरकार सबसे पहले ‘‘शहीद’’ किसानों का स्मारक बनवाएगी। अखिलेश ने रैली में जमा भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘इस समय का उत्साह बता रहा है कि वर्ष 2022 में बदलाव होगा। यहां के किसानों और युवाओं ने मिलकर भाजपा को भगाने का फैसला लिया कर लिया है।’’ किसानों आंदोलन की पृष्ठभूमि में, गठबंधन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी टक्कर देने की उम्मीद है। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र की 136 विधानसभा सीट में से 109 सीट जीती थीं। सपा प्रमुख ने कहा,‘‘उनका गठबंधन चाहता है कि किसानों को उनका हक मिले और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर ठोस फैसला हो। लेकिन भाजपा किसानों के हक में फैसला नहीं करना चाहती है।’’ अखिलेश ने दावा किया कि गठबंधन, किसानों को उनका हक दिलाएगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘ भाजपा के मंत्री और समर्थकों ने किसानों को गाड़ी से कुचल दिया है। मान छीना है, भाजपा को जाना होगा।’’ सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार ने हवाई जहाज बेच दिए, एयरपोर्ट बेच दिए, रेलवे स्टेशन बेच दिए। हवाई चप्पल वाले को हवाई जहाज में बैठाने का क्या हुआ। आज मोटरसाइकिल चलाना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन भाईचारे को मजबूत करने लिए रालोद-सपा के कार्यकर्ता खड़े हैं।’’ अखिलेश ने कहा, ‘‘भाजपा के पास मुद्दे नहीं हैं। वे बस हमारे बीच खाई पैदा करते हैं।’’ उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘ जो पैदा करें खाई, वही भाजपाई।’’ उन्होंने लोगों से कहा कि वे चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजीत सिंह की विरासत को बचाने के लिए एकजुट होकर मतदान करें। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के शासन में, लोगों को महामारी के दौरान खाद और दवा, ऑक्सीजन तथा बिस्तरों के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान भी लोगों को लाइन में खड़ा होना पड़ा था। अखिलेश ने कहा, ‘‘लेकिन इस बार लोग भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए कतार में खड़े होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘इस बार राज्य से भाजपा का सफाया हो जाएगा। भाजपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से खदेड़ा जाएगा और पूर्वी हिस्से में पार्टी का सूरज हमेशा के लिए डूब जाएगा।’ मेरठ में अखिलेश और चौधरी की रैली ऐसे समय हुई जब गोरखपुर में एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण था, जहां उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और एक उर्वरक संयंत्र सहित तीन बड़ी परियोजनाएं देश को समर्पित कीं। सपा प्रमुख ने सरकार बनने पर किसानों का बकाया भुगतान करने और सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। उन्होंने भाजपा के विकास के दावों का माखौल उड़ाते हुए कहा, ‘‘ भाजपा की हर बात झूठी है। विकास का फिल्मी घोड़ा है, जो दौड़ता दिखता है लेकिन असल में दौड़ता नहीं है।’’ वहीं, जयंत चौधरी ने गठबंधन के बारे में कहा, ‘‘ अखिलेश जी और मैं एक साथ इस संबंध की घोषणा कर रहे हैं। हमारी डबल इंजन की सरकार का पहला काम शहीद किसानों का स्मारक बनाना होगा, जो चौधरी चरण सिंह की इस जमीन पर प्रदर्शन करने के दौरान मारे गए।’’ उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘भाजपा वाले अपने को फायर ब्रांड नेता कहते हैं, लेकिन उनमें कोई फयर ब्रांड नेता नहीं है। अगर होते तो जब उत्तर प्रदेश में किसानों पर अत्याचार हो रहा था तब वे कहां थे।’’ चौधरी ने कहा, ‘‘ योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) औरंगजेब से शुरुआत करते हैं या जाते कैराना हैं।’’ उनका इशारा पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा किए गए इस दावे की ओर था कि कई हिंदू परिवार अपराधियों के डर से कैराना शहर से पलायन कर गए हैं। इस दावे को कई राजनीतिक दलों ने गलत बताया था। चौधरी ने कहा, ‘‘भाजपा के राज में नौजवान मजदूर बनने को पलायन करता है। यह उन्हें दिखाई नहीं देता। बिजनौर में उद्घाटन करने के दौरान ही सड़क टूट गई।’’ रालोद अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ बाबा (योगी) तभी खुश नजर आते हैं जब बछड़ों के बीच होते हैं। उन्हें गोरखपुर भेज दो। सरकारी काम उनसे संभल नहीं रहा। हम भूल नहीं सकते कि किसानों को रौंदा गया था।’’ हाल में एक सरकारी प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र के लीक होने और उसके बाद परीक्षा रद्द होने के मुद्दे पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए, चौधरी ने कहा कि ऐसी घटनाओं के कारण युवाओं को नियुक्ति नहीं मिल रही है, और उन्हें पलायन तथा अन्य जगहों पर काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘पेपर (प्रतियोगिता परीक्षा) लीक हो गया है, युवाओं को नियुक्ति नहीं मिल रही है। यहां से युवा अवसरों की कमी के कारण पलायन करते हैं और दूसरे राज्यों में काम करते हैं। अब इस बार लोग ‘नफरत की बातों’ के जाल में नहीं फंसेंगे।’’ जयंत चौधरी और अखिलेश यादव तय कार्यक्रम से करीब एक घंटा विलंब से दोपहर बाद एक बजकर 19 मिनट पर दबथुवा रैली स्थल पहुंचे। भाषा सं.

नेत्रपाल पवनेशपवनेश

 

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