सपा सांसद सुखराम सिंह यादव ने की योगी से मुलाकात, भाजपा में जाने की अटकलें तेज |

सपा सांसद सुखराम सिंह यादव ने की योगी से मुलाकात, भाजपा में जाने की अटकलें तेज

सपा सांसद सुखराम सिंह यादव ने की योगी से मुलाकात, भाजपा में जाने की अटकलें तेज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : April 15, 2022/2:49 pm IST

लखनऊ, 15 अप्रैल (भाषा) समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है, जिससे उनके (सुखराम के) भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं।

सपा सांसद के बेटे मोहित यादव, जो हाल में भाजपा में शामिल हुए थे, बृहस्पतिवार को अपने पिता के साथ मुख्यमंत्री आवास पर गए।

सुखराम (70) ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि योगी आदित्यनाथ के लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वह उनसे नहीं मिल सके थे, इसलिए वह उन्हें बधाई देने गए थे।

हालांकि, राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सपा के वरिष्ठ नेता सुखराम, जिनके पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से कथित तौर पर कुछ मतभेद हैं, पार्टी छोड़ने और भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

सपा सांसद की योगी से मुलाकात इसलिए भी मायने रखती है कि राज्यसभा में सुखराम का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है।

वहीं, संपर्क किए जाने पर शुक्रवार को सपा सांसद ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनका कार्यकाल खत्म होने और उप्र के मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात के बीच कोई संबंध नहीं है।

मुख्यमंत्री से मिलने का कारण पूछे जाने पर उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘चूंकि मैं चुनाव और शपथ ग्रहण समारोह के बाद उनसे (मुख्यमंत्री से) नहीं मिल सका था, इसलिए मैं उनसे कल (बृहस्पतिवार) मिला और उन्हें बधाई दी।’ उन्होंने बताया, ‘उप्र के मुख्यमंत्री के साथ बैठक अच्छी रही।’

सुखराम, 2004-10 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के अध्यक्ष रहे थे। वह जुलाई 2016 को सपा से राज्यसभा सदस्य चुने गये थे।

उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही कहा है कि मेरे और पार्टी नेतृत्व के बीच कुछ मतभेद हैं। अखिलेश (यादव) जी ने पार्टी में अंदरूनी कलह के दौरान (2016 में) कहा था कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) 2017 के चुनाव के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाएंगे।

सपा सांसद ने कहा, ‘हालांकि, कई चुनाव हो चुके हैं, लेकिन इस संबंध में कुछ नहीं किया गया है। मैं केवल इतना चाहता हूं कि नेताजी का सम्मान बरकरार रहे।’

भाषा अरूनव जफर संजय

मनीषा सुभाष

सुभाष

 

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