अलीगढ़ (उप्र), 15 अगस्त (भाषा) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने सोमवार को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एएमयू की भूमिका पर एक विशेष गैलरी (वीथिका) का उद्घाटन करके भारत की 75 वीं स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ मनाई।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने मौलाना आजाद पुस्तकालय में ‘गैलरी’ का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एएमयू के पूर्व छात्रों की भूमिका आधुनिक भारत के इतिहास का एक सुनहरा अध्याय है, और आज राजा महेंद्र प्रताप, मौलाना हसरत मोहानी, मौलाना मोहम्मद अली जौहर, खान अब्दुल गफ्फार खान, अब्दुल मजीद ख्वाजा और डॉ जाकिर हुसैन सहित स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे दिग्गजों की भूमिका को उजागर करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आजादी के अमृत महोत्सव पर मुख्य रूप से गैलरी की स्थापना की गई, जिन्होंने (मोदी) एएमयू शताब्दी समारोह में अपने संबोधन में एएमयू समुदाय से स्वतंत्रता आंदोलन में अपने पूर्व छात्रों की भूमिका को उजागर करने का आग्रह किया था।
एएमयू की उर्दू अकादमी के पूर्व निदेशक और गैलरी की आयोजन समिति के सदस्य डॉ राहत अबरार ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े कई ऐतिहासिक कार्यक्रम एएमयू में स्वतंत्रता आंदोलन के प्रारंभिक चरणों में हुए थे।
उन्होंने कहा कि ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसी और ने नहीं बल्कि मौलाना हसरत मोहानी ने गढ़ा था, जिन्हें ब्रिटिश सरकार के कहने पर एमएओ ( मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज) कॉलेज से निकाल दिया गया था।
उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक नारा था जिसने असहयोग आंदोलन के दौरान भारतीय जनता को ऊर्जा दी थी।
भाषा सं आनन्द रंजन
रंजन
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