UP Elections 2022- BJP makes strategy Against Samajwadi party

भगोड़े अखिलेश के दरबार में गए, बीजेपी ने निकाला तुरूप का इक्का, विपक्ष के पत्ते धरे रह जाएंगे

UP election 2022- बीजेपी ने एक ही रात में ऐसी खिचड़ी चढ़ाई है कि उस खिचड़ी से अब हिन्दुत्व के साथ ही पिछड़ों की भी खुशबू उठने वाली है.

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:39 AM IST, Published Date : January 14, 2022/7:54 pm IST

UP election 2022: UP के इलेक्शन में नित नए समीकरण बन रहे हैं और ये समीकरण रोचक भी बनते जा रहे हैं….यूपी में संकट में फंसी बीजेपी ने अब खुद को संभाला है और एक ही रात में ऐसी चाल चली है कि पिछड़ों को अपनी जागीर समझ रहे अखिलेश यादव अगल -बगल झांकते नजर आएंगे और पिछड़े की बात करते हुए बीजेपी छोड़ने वाले नेताओं की घिग्घी भी बंध जाएगी… बीजेपी ने एक ही रात में ऐसी खिचड़ी चढ़ाई है कि उस खिचड़ी से अब हिन्दुत्व के साथ ही पिछड़ों की भी खुशबू उठने वाली है…और बीजेपी को उम्मीद है कि उसकी खिचड़ी का स्वाद भी सबसे बेहतर होगा…

UP election 2022 यूपी में इलेक्शन की तारीखों की घोषणा होने के बाद अब तक जो कुछ हुआ है उससे ऐसा लगता है कि इस बार समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच ही मुख्य मुकाबला होने जा रहा है….एक को पिछड़ों का भरोसा है तो दूसरे को हिन्दुत्व पर…बीजेपी ने कुछ समय पहले कुछ विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटने के संकेत दिए थे पर बीजेपी का टिकट बंटे इससे पहले ही उसके कई मंत्री और विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं…कहते हैं अभी भी कई नेता बीजेपी छोड़कर भागने वाले हैं…समाजवादी पार्टी ने इस बार चुनाव में ओबीसी को ही मुद्दा बना लिया है उसे लगता है कि इस वर्ग का प्रतिनिधित्व वही करती है इसलिए समाजवादियों को ही पिछड़ों का वोट मिलना चाहिए…पिछली बार पिछड़ों ने बीजेपी को वोट दे दिया था इसलिए इस बार वह पिछड़ों को बीजेपी से दूर ले जाने की रणनीति पर काम कर रही है…

इसी रणनीति के चलते पिछले चुनाव के दौरान अलग अलग दलों से बीजेपी में शामिल हुए ओबीसी नेताओं को समाजवादी पार्टी ने अपने साथ मिला लिया है… उसे लगता है कि इन वर्गों के नेताओं को बीजेपी से दूर करने पर उसका वोट बैंक पक्का हो जाएगा….अब तक यादव- मुस्लिम कार्ड खेलते रहे अखिलेश यादव गैर यादव ओबीसी वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए हैं। उनको लगता है कुछ नेताओं को अपनी पार्टी में ले आने से बाकी पिछड़े वर्ग वाले भी उनके साथ आ जाएंगे…इसके बिना उसकी नैया पार नहीं लग सकती…

पिछले तीन चार दिनों में जो स्थिति बीजेपी के भीतर बनी है उससे ऐसा लगता था कि पार्टी मुश्किल में फंस गई है और अगर यही स्थिति रही तो उसे नुकसान हो सकता है पर अब बीजेपी ने अखिलेश यादव की राजनीति की काट निकाल ली है….
एक दिन पहले ही खबर आई कि बीजेपी जातिवाद के असर को खत्म करने के लिए हिन्दुत्व का कार्ड खेलेगी और योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़वाएगी….ऐसा होने पर अयोध्या और राम मंदिर का मुद्दा बिना कुछ किए ही चर्चा में रहेगा और लगातार उसकी गूंज हिन्दू समाज को बीजेपी की तरफ जाने के लिए प्रेरित करेगी…विपक्ष को सबसे अधिक डर इसी एक मुद्दे से लगता है….अब बीजेपी ने पिछड़ा कार्ड का भी तोड़ निकाल लिया है….. कल तक झटके खा रहे बीजेपी के नेता अब हमलावर मोड में आ गए हैं….डैमेज कंट्रोल के लिए नेताओं के बयान जारी हो रहे हैं… पार्टी ने अब नया पांसा फेंका है और और कहा है कि इस देश के सबसे बड़े ओबीसी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हैं. अब यूपी के ओबीसी वर्ग को तय करना है कि अखिलेश के साथ सत्ता के लालच में गए नेताओं का साथ देना है या फिर नरेंद्र मोदी के साथ जाना है…बीजेपी अब पूरे चुनाव में मोदी को पिछड़े वर्ग का नेता बनाकर घुमाने की योजना बना चुकी है…पिछड़ों से कहा जाएगा मोदी जैसे बड़े नेता का साथ लेना और साथ देना ज्यादा फायदेमंद होगा… यानी हिन्दुत्व के साथ पिछड़े की डबल डोज लेकर बीजेपी उतरेगी….और याद रखें मोदी जब पिछड़ों के बीच उनके प्रतिनिधि की तरह जाएंगे तो अखिलेश के साथ सपने देख रहे नेता कहीं भी नहीं टिकेंगे…नरेंद्र मोदी ओबीसी समाज से आते हैं इसलिए इस समाज के लोगों के बीच आसानी से जगह बना सकते हैं….
बीजेपी आने वाले दिनों में पिछड़ों का भी मुद्दा उठाकर अखिलेश को घेरेगी…

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी छोड़कर जाने वाले नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि वंशवाद और परिवार की राजनीति करने वाले सामाजिक न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकते….योगी ने गरीबों के लिए अपने शासन में हुए काम गिनाए हैं और अखिलेश की सरकार के दौरान हुए कामों का भी आंकड़ा जारी किया है… दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति पर गोरखपुर में अपनी पार्टी के एक दलित कार्यकर्ता के परिवार के साथ खाना खाकर बड़ा संदेश उस समाज को भी दे दिया है… अभी ज्यादा दिन नहीं गुजरे हैं जब मोदी ने कुंभ के समय सफाई कर्मियों के पैर धोकर उनके अपने पक्ष में ले लिया था….काशी विश्वनाथ कारीडोर के उद्घाटन के लिए गए मोदी ने काशी में निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों पर फूल बरसाए थे… ये श्रमिक पिछड़े और दलित वर्ग से ही आते हैं….मोदी को चुनाव के दौरान दलित और पिछड़ों का सबसे बड़ा हमदर्द बीजेपी बताएगी और हिन्दुत्व का सहारा तो उसके पास है ही…इस एक तीर से बीजेपी को समाजवादियों समेत बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पर बढ़त मिलती दिख रही है….हां अभी इतने से उसका काम खत्म नहीं होगा उसे अब अपने पुराने दोस्त शिवसेना के खिलाफ भी कोई पैंतरा खोजना होगा जो उसके हिन्दु वोटों को काटने की फिराक में यूपी चुनाव लड़ने जा रही है…. तो अब देखना होगा बीजेपी की इस खिचड़ी का जवाब अखिलेश और बाकी विपक्ष किस तरह देता है…

 
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