All Muslims can take shelter in the temple with their animals

सभी मुसलमान अपने जानवरों के साथ मंदिर में ले सकते हैं पनाह, लाउडस्पीकर से किया ऐलान, जानिए क्या है पूरा मामला

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : September 12, 2022/12:20 pm IST

floods in pakistan : कराची – इन दिनों पाकिस्तान के हालात बेहद ही खराब हो चुके है। प्राकृतिक आपदा ने पाकिस्तान पर कहर बरपा के रखा है। हालात अभी भी सामान्य नहीं है। लाखों लोग अपने घरों से बेघर होते नजर आ रहे हैं। वहीं इन हालातों में पाकिस्तान में खाद्य सामग्री भी महंगी हो गई है। इन हालातों को देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मदद मांगी है। जिससे पाक के लोगों को खाने पीने की सामग्री सरकार द्वारा दी जाए। वहीं पाक में हिन्दू मंदिरों ने भी मुस्लिम भाईयों को ईंसानियत दिखाते हुए मंदिर के द्वार खोल दिए हैं। हिन्दूओं ने पाक में मंदिरों के लाउडस्पीकरों से ऐलान करते हुए कहा कि सभी मुस्लिम भाई अपने जानवर और परिवार सहित मंदिर में आ सकते है। और जब तक हालात सामान्य नहीं होते तब तक सभी लोग यहां रहें। नारी, बोलन, और लहरी नदियों में बाढ़ के कारण गांव बाकी प्रांत से कट गया है, जिससे दूरदराज के इलाके में रहने वाले लोग फंसे हुए हैं। इस कठिन समय में स्थानीय हिंदू समुदाय ने बाबा माधोदास मंदिर के दरवाजे बाढ़ प्रभावित लोगों और उनके जानवरों के लिए खोल दिए हैं।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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मंदिरों में लगे कैंप

floods in pakistan : पाकिस्तान इसरार मुघेरी जलाल खान में एक डॉक्टर हैं। यहां आने के बाद से ही उन्होंने मंदिर के अंदर मेडिकल कैंप लगा रखा है। स्थानीय हिंदुओं द्वारा लाउडस्पीकर पर घोषणाएं की गईं कि मुसलमान मंदिर में आकर रह सकते हैं। मंदिर में शरण लेने वालों का कहना है कि इस मुश्किल घड़ी में उनकी सहायता के लिए आगे आने और उन्हें भोजन और आश्रय देने के लिए वे स्थानीय समुदाय के ऋणी हैं। स्थानीय लोगों के लिए, बाढ़ से बचे लोगों के लिए मंदिर खोलना मानवता और धार्मिक सद्भाव का प्रतीक है, जो सदियों से उनकी परंपरा रही है।

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floods in pakistan : बता दें कि मानसून की बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने 14 जून से 9 सितंबर के बीच देश भर में 1,396 लोगों की जान ले ली और 12,728 घायल हो गए। 30 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित भी हुए हैं। सिंध अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांत है, जहां सबसे ज्यादा मौतें और घायल हुए हैं। देश भर में हुई 1,396 मौतों में से सिंध में 578 के लोग हैं। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी के सबसे हालिया अपडेट के अनुसार, सिंध में 8,321 घायल हुए हैं, जो देशभर में 12,728 हैं।

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