आसियान के विदेश मंत्रियों ने म्यांमा संकट के समाधान में और प्रगति का आह्वान किया |

आसियान के विदेश मंत्रियों ने म्यांमा संकट के समाधान में और प्रगति का आह्वान किया

आसियान के विदेश मंत्रियों ने म्यांमा संकट के समाधान में और प्रगति का आह्वान किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : October 27, 2022/9:03 pm IST

जकार्ता, 27 अक्टूबर (एपी) दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने बृहस्पतिवार को स्वीकार किया कि म्यांमा में शांति लाने के उनके प्रयास सफल नहीं हुए हैं । साथ ही वे देश में हिंसा को समाप्त करने के अपने दृढ़ संकल्प को बढ़ाने के लिए भी सहमत हुए।

म्यांमा में पिछले साल सैन्य तख्तापलट के बाद अस्थिरता पैदा हो गई। रविवार को एक सैन्य हवाई हमले समेत म्यांमा में हाल की घटनाओं से दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के सदस्यों के बीच चिंताएं बढ़ गई हैं। हवाई हमले में अल्पसंख्यक कचीन मूल के 80 सदस्य मारे गए, वहीं जुलाई में राजनीतिक बंदियों को मृत्युदंड दिया गया था।

इंडोनेशिया के जकार्ता में म्यांमा पर विशेष बैठक में आसियान के विदेश मंत्रियों ने कहा कि उनके प्रयासों में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल नहीं हुई और उन्होंने शांति की दिशा में पिछले साल अप्रैल में संगठन में बनी पांच-सूत्रीय सहमति के क्रियान्वयन को मजबूत करने के लिए ‘‘ठोस, व्यावहारिक और समयबद्ध कार्रवाई’’ का आह्वान किया।

म्यांमा भी आसियान का सदस्य है। पिछले साल फरवरी में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर सेना के सत्ता पर काबिज होने के बाद आसियान ने शांति स्थापित करने की दिशा में भूमिका निभाने की कोशिश की है।

पांच सूत्रीय सहमति हिंसा को तत्काल समाप्त करने, संबंधित पक्षों के बीच संवाद, आसियान के विशेष दूत द्वारा मध्यस्थता, मानवीय सहायता का प्रावधान और सभी संबंधित पक्षों से मिलने के लिए विशेष दूत द्वारा म्यांमा की यात्रा का आह्वान करती है। म्यांमा की सरकार ने शुरू में सहमति पर रजामंदी जताई थी लेकिन इसे लागू करने के लिए उसने बहुत कम प्रयास किए।

मंगोलिया के विदेश मंत्री प्राक सोखोन ने बैठक की अध्यक्षता की। सोखोन ने एक बयान में कहा, ‘‘बैठक में इस बात पर सहमती बनी कि आसियान को हतोत्साहित नहीं होना चाहिए, बल्कि जल्द से जल्द शांतिपूर्ण समाधान लाने में म्यांमा की मदद के लिए और भी दृढ़ संकल्पित होना चाहिए।’’

इंडोनेशिया की विदेश मंत्री रेटनो मार्सुडी ने कहा कि मंत्रियों ने अपनी चिंता और निराशा व्यक्त की, और कुछ मामलों में महत्वपूर्ण प्रगति की कमी को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रगति के बजाय, स्थिति और बिगड़ती ही गई।’’

मार्सुडी ने कहा, ‘‘हिंसा को तुरंत रोका जाना चाहिए। हिंसा की समाप्ति के बिना, इस राजनीतिक संकट के समाधान के लिए कोई अनुकूल परिस्थितियां नहीं होंगी।’’

बृहस्पतिवार की बैठक 11-13 नवंबर को आसियान के वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले हुई है, जहां नेताओं का पूरा ध्यान म्यांमा संकट पर होगा, जिसने संगठन की एकता को खतरा पैदा कर दिया है। आसियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम हैं।

एपी आशीष नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)