द्विपक्षीय रिश्तों की मजबूती के लिए शैक्षिक संबंधों को बढ़ाने पर ब्लिंकन, जयशंकर का जोर |

द्विपक्षीय रिश्तों की मजबूती के लिए शैक्षिक संबंधों को बढ़ाने पर ब्लिंकन, जयशंकर का जोर

द्विपक्षीय रिश्तों की मजबूती के लिए शैक्षिक संबंधों को बढ़ाने पर ब्लिंकन, जयशंकर का जोर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : April 13, 2022/10:48 pm IST

वाशिंगटन, 13 अप्रैल (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के उनके समकक्ष एंटनी ब्लिंकन ने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए दोनों देशों के बीच शैक्षिक संबंधों को गहरा करने के महत्व को रेखांकित किया है।

जयशंकर और ब्लिंकन ने मंगलवार को यहां हावर्ड विश्वविद्यालय में अमेरिका-भारत उच्च शिक्षा संवाद के तहत एक कार्यक्रम में भाग लिया। ब्लिंकन ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में, अमेरिका और भारत को ‘‘हमेशा एक-दूसरे से कुछ सीखने को मिलता है।’’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने सोमवार को यहां चौथी ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता की और विशेषकर शिक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का फैसला किया। दोनों देशों ने एक नया भारत-अमेरिका शिक्षा और कौशल विकास कार्य समूह गठित करने का इरादा भी व्यक्त किया है।

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हम भाग्यशाली हैं कि हमारे (अमेरिकी) विश्वविद्यालयों में 2,00,000 भारतीय पढ़ रहे हैं, हमारे परिसर को समृद्ध कर रहे हैं, हमारे साथी नागरिकों को समृद्ध कर रहे हैं।’’ ब्लिंकन ने दोनों देशों की उच्च शिक्षा प्रणालियों के बीच मजबूत बंधन के महत्व पर प्रकाश डाला।

जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि हालांकि सोमवार को उनका और ब्लिंकन का काफी व्यस्त कार्यक्रम था, उन्होंने अगले दिन एक विश्वविद्यालय में एक शिक्षा कार्यक्रम में फिर से मिलने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘‘विदेश मंत्रियों के रूप में, राजनयिकों के रूप में हमारा कार्य देशों को जोड़ने, समाजों को जोड़ने के बारे में है और हम लोगों को जोड़ने के माध्यम से ऐसा करते हैं।’’

जयशंकर ने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत-अमेरिका संबंधों में वास्तविक बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस परिवर्तन का एक प्रमुख चालक इसका मानवीय तत्व रहा है…44 लाख भारतीय प्रवासियों ने सचमुच इस समाज में हमारी छवि को परिभाषित किया है और ऐसे रिश्ते बनाने में मदद की है जो हमारे काम में हमारे लिए ताकत का एक बड़ा स्रोत हैं।’’

लोगों के आपसी संबंधों को विकसित और पोषित करने के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा ‘‘इसके केंद्र में छात्र, शिक्षाविद, शोधकर्ता और पेशेवर हैं जिन्होंने अमेरिका की प्रगति में योगदान दिया है, जबकि वे हमारे दो समाजों के बीच सेतु बने हुए हैं।’’

भारत और अमेरिका के बीच जीवंत शैक्षिक संबंधों की सराहना करते हुए ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय संवाद ने सोमवार को संयुक्त सहयोग के माध्यम से शिक्षा तथा कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers