चीन ने अरुणाचल से साथ लगती सीमा के पास ब्रह्मपुत्र घाटी से गुजरने वाले अहम राजमार्ग का निर्माण किया

चीन ने अरुणाचल से साथ लगती सीमा के पास ब्रह्मपुत्र घाटी से गुजरने वाले अहम राजमार्ग का निर्माण किया

चीन ने अरुणाचल से साथ लगती सीमा के पास ब्रह्मपुत्र घाटी से गुजरने वाले अहम राजमार्ग का निर्माण किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: May 20, 2021 4:05 pm IST

(के जे एम वर्मा)

बीजिंग, 20 मई (भाषा) अरूणाचल प्रदेश की सीमा के नजदीक तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर दुनिया का सबसे बड़ा जल विद्युत बांध बनाने की योजना से पहले चीन ने ब्रह्मपुत्र घाटी से गुजरने वाले अहम राजमार्ग का निर्माण पूरा कर लिया है।

सरकारी संवाद समिति ‘शिंहुआ’ ने बताया कि यारलुग जंगबो विशाल घाटी के जरिए गुजरने वाले राजमार्ग का निर्माण 31 करोड़ डॉलर की लागत से किया गया। इसका निर्माण पिछले शनिवार को पूरा हो गया। यारलुग जंगबो को दुनिया की सबसे गहरी घाटी के रूप में जाना जाता है, जिसकी अधिकतम गहराई 6,009 मीटर है।

 ⁠

ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में यारलुंग जांगबो के नाम से जाना जाता है।

पिछले शनिवार को 2,114 मीटर सुरंग की खुदाई पूरी हुई और इसी के साथ न्यिंगची शहर की पैड टाउनशिप को मेडोग काउंटी से जोड़ने वाली 67.22 किलोमीटर सड़क का मुख्य निर्माण कार्य पूरा हो गया। इसके साथ ही इनके बीच यात्रा का समय आठ घंटे कम हो गया। यह परियोजना 2014 में शुरू हुई थी।

मेडोग तिब्बत की आखिरी काउंटी है, जो अरुणाचल प्रदेश सीमा के निकट स्थित है।

चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है और इस दावे को भारत खारिज करता है। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर विवाद है।

यह मेडोग से गुजरने वाला दूसरा अहम रास्ता है। पहला रास्ता इस काउंटी को झामोग टाउनशिप को जोड़ता है।

भाषा

सिम्मी माधव

माधव


लेखक के बारे में