बीजिंग, आठ अप्रैल (भाषा) चीन ने ताइवान पर कोविड-19 टीका कूटनीति के साथ अपने आजादी के लक्ष्य को और बढ़ाने का आरोप लगाया है। एक दिन पहले ही ताइवान ने अपने कूटनीतिक सहयोगी देश पराग्वे को एक लाख टीकों की खुराक भेजे जाने पर भारत की तारीफ की थी।
चीन ने कथित तौर पर दक्षिण अमेरिकी देश पराग्वे पर दबाव बनाया था कि वह चीन के टीकों के ऐवज में ताइवान से संबंध तोड़ दे।
बीजिंग ताइवान को चीन का हिस्सा मानता है और कहता है कि उसे चीन के मुख्य भूभाग में शामिल हो जाना चाहिए। पराग्वे उन 15 देशों में शामिल है जो ताइवान के स्वशासी क्षेत्र को अब भी संप्रभु राष्ट्र मानते हैं।
ताइवान के विदेश मंत्री जोसफ वू ने बुधवार को चीन पर पराग्वे पर दबाव बनाने के लिए चीन निर्मित कोरोना वायरस टीके भेजने की पेशकश करने का आरोप लगाया ताकि वह ताइवान से संबंध तोड़ दे।
वू ने ताइपे में मीडिया से कहा कि चीन ने पराग्वे के लिए लाखों खुराकों का वादा किया है जो महामारी से बुरी तरह प्रभावित रहा है।
चीन पर ‘टीका कूटनीति’ का आरोप लगाते हुए वू ने कहा था, ‘‘चीन की सरकार बड़ी सक्रियता से कहती है कि यदि पराग्वे सरकार ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंधों को तोड़ना चाह रही है तो उन्हें चीन से टीकों की कुछ लाख खुराक मिल जाएंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ हफ्तों में हम जापान, अमेरिका, भारत समेत समान विचार वाले देशों से बात कर रहे हैं और सुखद बात है कि भारत पराग्वे को कोवैक्सीन की कुछ खुराक देने में सफल रहा है।’’
भाषा वैभव उमा
उमा
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