चीन ने स्वीकार किया है कि उसने जानबूझकर मानसरोवर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए नाथुला बॉर्डर नहीं खोला था. चीन ने इसकी वजह भारत-चीन बॉर्डर पर जारी तनाव को वजह बताया है.
लेकिन चीन ने इसका सीधा आरोप भारतीय सेना पर मढ़ दिया है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत ने चीन की सीमा में परेशानी खड़ी करने की कोशिश की और चीनी इलाके में बनने वाली सड़क के काम में बाधा डाला।
चीन का आरोप है कि भारतीय सेना ने सीमा पर दोनों देशों के बीच हुई संधि का उल्लंघन किया है, जिसकी वजह से सीमा पर सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है। चीनी मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय सेना की तरफ से चीन के क्षेत्र में बनाई जा रही सड़क के निर्माण कार्य को जबरन रोका गया, जिससे सीमा पर तनाव बढ़ गया।
चीन ने बयान में यह भी कहा कि भारत को उसके क्षेत्र में हो रहे किसी भी निर्माणकार्य को रोकने का कोई अधिकार नहीं है और यह नियमों का उल्लंघन है। लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। दरअसल चीन की सेना ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की न सिर्फ कोशिश की बल्कि भारतीय सीमा में मौजूद दो बंकरों को भी नष्ट कर दिया था।
चीन ने यह हरकत उस वक्त की है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर हैं और सोमवार को ही उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से कई मुद्दों पर बातचीत की है। चीन द्वारा की गई घुसपैठ की कोशिश और दो भारतीय बंकरों को तबाह करने के पीछे उसकी वह बौखलाहट साफ झलकती है जिसकी वजह मोदी-ट्रंप की मुलाकात है।
चीन की भारत के खिलाफ आंखें तरेरने का सिलसिला करीब दस दिन पहले शुरू हुआ था। इसके बाद सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते भारतीय सेना ने फ्लैग मीटिंग का भी अनुरोध किया था लेकिन चीन इस पर नहीं माना। बावजूद इसके 20 जून को दोनों पक्षों में बैठक जरूर हुई थी लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला था।
हालांकि अतीत में झांककर देखें तो सिक्किम के डोका ला क्षेत्र जहां इस बार चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की है वहां यह पहली घटना नहीं है। नवंबर 2008 में भी पीएलए ने यहां घुसपैठ कर भारत के कुछ सैन्य बंकर नष्ट कर दिए थे।
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