चीन की अर्थव्यवस्था 'पहले से अधिक लचीली और गतिशील' हो गई है : राष्ट्रपति शी |

चीन की अर्थव्यवस्था ‘पहले से अधिक लचीली और गतिशील’ हो गई है : राष्ट्रपति शी

चीन की अर्थव्यवस्था 'पहले से अधिक लचीली और गतिशील' हो गई है : राष्ट्रपति शी

:   Modified Date:  December 31, 2023 / 08:15 PM IST, Published Date : December 31, 2023/8:15 pm IST

बीजिंग, 31 दिसंबर (भाषा) चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ‘पहले से अधिक लचीली और गतिशील’ हो गई है और उन्होंने आर्थिक सुधार की गति को मजबूत करने तथा दीर्घकालिक आर्थिक विकास हासिल करने के लिए काम करने का संकल्प लिया।

शी ने अपने नववर्ष संदेश में कहा, ‘‘हम कठिन राहों से गुजरे हैं, रास्ते में खुशनुमा नजारे भी देखे हैं और कई वास्तविक उपलब्धियां हासिल की हैं। हम इस वर्ष को कड़ी मेहनत और दृढ़ता के रूप में याद रखेंगे। आगे कदम बढ़ाते हुए हमें भविष्य को लेकर पूरा भरोसा है।’’

सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की रिपोर्ट के अनुसार, शी ने कहा कि जैसे ही चीन ने कोविड​​-19 से लड़ने के प्रयासों की दिशा में एक बेहतर बदलाव महसूस किया, इसकी अर्थव्यवस्था ने सुधार की रफ्तार पकड़ी और वर्ष 2023 में उच्च गुणवत्ता वाले विकास को आगे बढ़ाने में लगातार प्रगति हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘तूफान का सामना करने के बाद चीनी अर्थव्यवस्था पहले की तुलना में अधिक लचीली और गतिशील हो गई है।’’

शी ने कहा कि चीन ने अपनी विकास यात्रा जारी रखते हुए दुनिया को भी गले लगाया है और एक प्रमुख देश के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई है।

राष्ट्रपति ने अगले वर्ष चीन की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के मद्देनजर कहा कि उनकी सरकार चीनी आधुनिकीकरण को दृढ़ता से आगे बढ़ाएगी, सभी मोर्चों पर नए विकास दर्शन को पूरी तरह और ईमानदारी से लागू करेगी, नए विकास प्रतिमान स्थापित करने में तेजी लाएगी, उच्च गुणवत्ता वाले विकास को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि चीन विकास और सुरक्षा दोनों को आगे बढ़ाएगा।

शी ने कहा, ‘‘हम आर्थिक सुधार की गति मजबूत करेंगे और स्थिर एवं दीर्घकालिक आर्थिक विकास हासिल करने के लिए काम करेंगे।’’

उन्होंने यह भी कहा कि चीन, हांगकांग और मकाओ को उनकी विशिष्ट शक्तियों के इस्तेमाल में समर्थन देना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, ‘‘चीन निश्चित रूप से फिर से एकीकृत होगा और ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों छोर के सभी चीनवासियों को समान उद्देश्य की साझी भावना से बंधा होना चाहिए और चीनी राष्ट्र के कायाकल्प के प्रयास में हिस्सा लेना चाहिए।’’

चीन, ताइवान को अपने से अलग हुए एक प्रांत के रूप में देखता है। बीजिंग ने स्वशासित ताइवान को चीन में मिलाने के लिए बल के संभावित उपयोग से इनकार नहीं किया है।

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप

 

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