यूक्रेन से किए गए वादे के मुताबिक गोलाबारुद के उत्पादन, भेजने में यूरोपीय संघ को आ रही है दिक्कत |

यूक्रेन से किए गए वादे के मुताबिक गोलाबारुद के उत्पादन, भेजने में यूरोपीय संघ को आ रही है दिक्कत

यूक्रेन से किए गए वादे के मुताबिक गोलाबारुद के उत्पादन, भेजने में यूरोपीय संघ को आ रही है दिक्कत

:   Modified Date:  November 14, 2023 / 07:19 PM IST, Published Date : November 14, 2023/7:19 pm IST

ब्रसेल्स, 14 नवंबर (एपी) यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों ने मंगलवार को स्वीकार किया कि वे यूक्रेन को रूसी आक्रमण का मुकाबला करने और अपने भू-भाग को फिर से जीतने में मदद के लिए वादे के अनुरूप उसे गोला बारूद मुहैया नहीं कर पा रहे हैं।

इस साल की शुरुआत में, यूरोपीय संघ के नेताओं ने अगले साल वसंत ऋतु तक यूक्रेन की अग्रिम पंक्ति को 10 लाख (तोपखाने के) गोले मुहैया करने का वादा किया था, लेकिन 24 देशों के संगठन को इसकी आपूर्ति करने में कठिनाई हो रही है।

जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने यूरोपीय संघ के रक्षा और विदेश मामलों के मंत्रियों के साथ ब्रसेल्स में बैठक से पहले कहा कि 10 लाख के इस आंकड़े तक नहीं पहुंचा जा सकेगा।

एस्टोनिया के रक्षा मंत्री हानो पेवकुर ने कहा कि गोला बारूद की आपूर्ति बढ़ाना जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘रूस को देखिए। वे आज पहले की तुलना में कहीं अधिक उत्पादन कर रहे हैं। वे उत्तर कोरिया से गोला बारूद प्राप्त कर रहे हैं। यूरोप नहीं कह सकता कि…रूस और उत्तर कोरिया आपूर्ति कर सकते हैं और हम नहीं कर सकते हैं।’’

यूरोपीय संघ के मौजूदा आयुध भंडार से करीब 3,00,000 गोलों की आपूर्ति की गई है।

वहीं, लातविया के रक्षा मंत्री एंड्रिस स्प्रुड्स ने जोर देते हुए कहा कि मूल लक्ष्य को अक्षरश: नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 10 लाख गोलों की संख्या सांकेतिक है।

यूक्रेन में रूस का तोपों का 155 एमएम गोला महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

यूरोपीय संघ आयुक्त थेरी ब्रेटन ने कहा कि उद्योग 10 लाख गोले का लक्ष्य पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह सदस्य देशों पर निर्भर करता है।’’

डच रक्षा मंत्री काजसा ओलोंगरेन ने कहा, ‘‘हम सबने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। हमने संयुक्त खरीद की है। इसलिए उद्योग को अब आपूर्ति करना है। इसे और अधिक उत्पादन करने के लिए कदम उठाना होगा।’’

यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि करीब 40 प्रतिशत उत्पादन का निर्यात तीसरे देशों को किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में, हम यह कर सकते हैं कि इस उत्पादन को प्राथमिकता वाले लोगों को भेज सकते हैं जो यूक्रेनवासी हैं।’’

एपी सुभाष प्रशांत

प्रशांत

 

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