(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, 26 मई (भाषा) सिंगापुर में भारतीय मूल के दो वकीलों पर नागेंद्रन के. धर्मलिंगम की इस साल अप्रैल में फांसी की सजा को रोकने के वास्ते अंतिम क्षण में किए गए प्रयासों के लिए अटॉर्नी जनरल के चैम्बर्स (एजीसी) को 11,27,200 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।
अपीलीय अदालत ने एम. रवि को जुर्माना राशि का 75 प्रतिशत जबकि वॉयलट नेट्टो को 25 फीसदी राशि का भुगतान करने का आदेश दिया।
‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की खबर के अनुसार, एजीसी ने भारतीय मूल के मलेशियाई शख्स नागेंद्रन की सजा में देरी कराने के लिए वकीलों को 22,54,350 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया था। ऐसा आरोप है कि उन्होंने बिना किसी ठोस आधार के अर्जियां दाखिल की जिससे अनावश्यक खर्च हुआ।
नागेंद्रन को 27 अप्रैल 2022 को चांगी जेल परिसर में फांसी दी गयी। उसे 2010 में 42.72 ग्राम हेराइन की तस्करी का दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनायी गयी। दोषसिद्धि तथा सजा के खिलाफ उसकी अपीलों को 2011 में खारिज कर दिया गया।
नागेंद्रन ने अपनी मौत की सजा को चुनौती देते हुए कुल सात अर्जियां दाखिल की। नागेंद्रन की मां ने 26 अप्रैल को अंतिम क्षण में याचिका दायर कर उसकी मौत की सजा को रोकने की कोशिश की लेकिन अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
भाषा
गोला शोभना
शोभना
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