World hindi news 2021 : मेरिका में 100 से अधिक लोगों ने मार्च निकाला

बोर्डिंग स्कूलों में यातना झेलने वाले आदिवासी बच्चों के सम्मान में न्यूयॉर्क में निकाला गया मार्च

बोर्डिंग स्कूलों में यातना झेलने वाले आदिवासी बच्चों के सम्मान में न्यूयॉर्क में निकाला गया मार्च

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : August 1, 2021/12:40 pm IST

World hindi news 2021

सायराक्यूज (अमेरिका) एक अगस्त (एपी) अमेरिका में 100 से अधिक लोगों ने उन आदिवासी बच्चों के सम्मान में ओनोंडागा नेशन से सायराक्यूज तक शनिवार को छह मील लंबा मार्च निकाला, जिन्हें उनके समुदाय से अलग करके बोर्डिंग स्कूलों में डाल दिया गया था और यातनाएं दी गई थीं।

‘सायराक्यूज पोस्ट’ ने बताया कि मार्च करने वाले लोगों ने स्कूलों की यातना के कारण जीवित नहीं बच पाए बच्चों की याद में क्रिस्टोफर कोलंबस की प्रतिमा पर खिलौने, फूल और बच्चों के जूते रखे।

World hindi news 2021 : ‘एवरी चाइल्ड मैटर्स’ (हर बच्चा महत्व रखता है) मुहिम के समर्थन में नारंगी रंग के कपड़े पहनकर लोगों ने मार्च निकाला। ओनोंडागा नेशन के नेता टोडोदाहो सिडनी हिल ने समूह से कहा, ‘‘मेरी मां बोर्डिंग स्कूलों में पढ़ी थीं और उन्होंने मुझे कभी गले नहीं लगाया। मुझे लगता है कि उन्हें स्कूल में ऐसा ही सिखाया होगा।’’

अमेरिका की गृह मंत्री देब हालैंद ने जून में घोषणा की थी कि संघीय सरकार ‘नेटिव अमेरिकन’ बोर्डिंग स्कूलों की निगरानी करने में अतीत में हुई असफलता की जांच करेगी और लाखों बच्चों को उनके परिजन एवं समुदायों से दशकों तक जबरन अलग रखने वाली नीतियों के ‘‘स्थायी परिणामों और मानव जीवन गंवाने के संबंध में सच का पता’’ लगाएंगी।

एक समय पर कनाडा के सबसे बड़े आदिवासी आवासीय स्कूल रहे एक स्थल से हाल में बच्चों के शव मिले थे। बच्चों के शव मिलने के बाद कनाडा एवं अमेरिका में आदिवासी बच्चों संबंधी इस मामले ने लोगों का ध्यान खींचा है।

कनाडा के अल्बर्टा में सैंट मैरी रेजीडेंशियल स्कूल उन कई स्कूलों में शामिल है, जहां कब्रें मिली हैं। इस स्कूल के पूर्व छात्र विरजिल ब्रेव रॉक (62) ने बताया कि उन्हें अपना परिवार छोड़ने और स्कूल में रहने पर मजबूर किया गया और स्कूल में बच्चों को उनके नाम के बजाए उन्हें दी गई संख्या से पुकारा जाता था। ब्रेव रॉक ने कहा, ‘‘मैं 266 था।’’

सायराक्यूज के ‘रोमन कैथोलिक डाइअसीज’ के पादरी डगलस जे. लूसिया ने मार्च करने वालों से कहा कि उन्हें लगा कि उन्हें अतीत में हुई इन घटनाओं की माफी मांगनी चाहिए और वह उन स्कूलों में गिरजाघर के कदमों की निंदा करते हैं।

भाषा सिम्मी गोला

गोला

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