प्राकृतिक संरक्षण प्रयासों के मिल रहे हैं सकारात्मक परिणाम: अध्ययन |

प्राकृतिक संरक्षण प्रयासों के मिल रहे हैं सकारात्मक परिणाम: अध्ययन

प्राकृतिक संरक्षण प्रयासों के मिल रहे हैं सकारात्मक परिणाम: अध्ययन

:   Modified Date:  April 27, 2024 / 04:58 PM IST, Published Date : April 27, 2024/4:58 pm IST

(एसोसिएट प्रोफेसर जोसेफ विलियम बुल, जलवायु परिवर्तन जीवविज्ञान विभाग, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और वरिष्ठ व्याख्याता जेक ई. बिकनेल, जैव विविधता संरक्षण विभाग, केंट विश्वविद्यालय)

ऑक्सफोर्ड/केंट, 27 अप्रैल (द कन्वरसेशन) प्राकृतिक संरक्षण के लिए काम करना एक प्रकार से नकारात्मक खबरों के मद्देनजर विपरीत परिस्थितियों से लड़ना है। मौजूदा परिदृश्य में प्राकृतिक संसाधनों के घटने के बीच क्या आशावाद के लिए कोई जगह है?

खैर, हमारे नए वैश्विक अध्ययन में कुछ बेहतर परिणाम मिले हैं- हम अपने शोध के जरिए इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि प्रकृति संरक्षण के प्रयास काफी प्रभावी हैं।

प्राकृतिक संरक्षण के रुझानों को ‘जैव विविधता’ के संदर्भ में मापा जाता है – यानी, जीन से लेकर पारिस्थितिक तंत्र तक जीवित जीवों के बीच विविधता। हम जैव विविधता को न केवल इसलिए महत्व देते हैं कि यह समाज और संस्कृति को कैसे समृद्ध करती है, बल्कि यह लचीले, कार्यशील पारिस्थितिकी तंत्र का आधार भी है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की नींव है।

हालांकि, यह सर्वविदित है कि वैश्विक जैव विविधता कम हो रही है, और यह पिछले कुछ समय से घट रही है। क्या इस प्रवृत्ति को उलटने के लिए हम जो कुछ भी कर रहे हैं वह प्रभावी है?

शोधकर्ताओं की एक टीम के हिस्से के रूप में, हमने अब तक का सबसे व्यापक विश्लेषण किया कि जब संरक्षणवादियों ने पारिस्थितिक तंत्र में हस्तक्षेप किया तो क्या हुआ। ये दुनियाभर में हर तरह के हस्तक्षेप थे। हमने पाया कि प्रकृति संरक्षण की दिशा में किए जाने वाले कार्य आम तौर पर कुछ भी न करने से कहीं बेहतर है।

अब चुनौती जैव विविधता में गिरावट को रोकने और उलटने के लिए आवश्यक पैमाने पर संरक्षण को वित्तपोषित करने तथा इन सिद्ध तरीकों को सफलता का सर्वोत्तम अवसर देने की है।

विश्व स्तर पर, प्राकृतिक वास के क्षेत्रों को हटाना, वनों की अत्यधिक कटाई, आक्रामक प्रजातियों की शुरूआत और जलवायु परिवर्तन जैसी मानवीय गतिविधियों के कारण जैव विविधता खत्म हो रही है।

जैव विविधता की गिरावट को रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर लोगों ने संरक्षित क्षेत्र बनाने और जंगलों तथा आर्द्रभूमि जैसे आवासों को बहाल करने सहित कई उपाय किए हैं।

ये प्रयास स्वदेशी लोगों और स्थानीय समुदायों द्वारा दुनिया की सबसे समृद्ध जैव विविधता के पारंपरिक प्रबंधन पर निर्भर हैं। और 2022 में, सरकारों ने जैव विविधता के नुकसान को रोकने और उलटने के लिए नए वैश्विक लक्ष्य अपनाए।

कई अध्ययनों ने इस तरह से संरक्षण परियोजनाओं के प्रभावों की तुलना करने की कोशिश की है, लेकिन यह पहली बार है कि इस तरह के शोध को एक ही विश्लेषण में जोड़ा गया है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि प्रकृति संरक्षण के कार्य समग्र रूप से प्रभावी है या नहीं।

हमने जो पाया वह बेहद उत्साहजनक था: प्रकृति संरक्षण के प्रयास कारगर हैं और वे हर जगह काफी हद तक प्रभावशाली रूप से कारगर हैं।

हमने पाया कि प्रकृति संरक्षण प्रयासों से जैव विविधता की स्थिति में सुधार हुआ या बिना किसी कार्रवाई की तुलना में ज्यादातर मामलों (66 प्रतिशत) में इसकी गिरावट धीमी हो गई।

ब्राजील के अमेजन में संरक्षित क्षेत्रों और स्वदेशी भूमि में काफी कम वनों की कटाई देखी गयी और आग लगने की घटनाएं भी बेहद कम थीं।

चिनूक सैल्मन को कैद में रखने और उन्हें रिहा करने से मध्य इडाहो के सैल्मन नदी बेसिन में न्यूनतम दुष्प्रभावों के साथ उनकी प्राकृतिक आबादी में वृद्धि हुई। जहां संरक्षण कार्यों से उन प्रजातियों या पारिस्थितिक तंत्रों की गिरावट ठीक नहीं हुई या धीमी नहीं हुई, जिन्हें वे लक्षित कर रहे थे, वहां यह सीखने और संरक्षण विधियों को परिष्कृत करने का अवसर है।

उदाहरण के लिए भारत में, एक शैवाल को हटाने से यह अन्यत्र फैल गया। संरक्षणवादी अब एक अलग रणनीति आजमा सकते हैं जो अधिक सफल हो सकती है, जैसे शैवाल के टुकड़ों के बहाव को रोकने के तरीके खोजना।

जैव विविधता अभी भी घट रही है। हमें प्राकृतिक संरक्षण की दिशा में और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।

(द कन्वरसेशन) रवि कांत

देवेंद्र

देवेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)