पाकिस्तान भौगोलिक संकेतक के रूप में हिमालयी गुलाबी नमक को पंजीकृत करायेगा

पाकिस्तान भौगोलिक संकेतक के रूप में हिमालयी गुलाबी नमक को पंजीकृत करायेगा

पाकिस्तान भौगोलिक संकेतक के रूप में हिमालयी गुलाबी नमक को पंजीकृत करायेगा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: February 19, 2021 12:57 pm IST

इस्लामाबाद, 19 फरवरी (भाषा) पाकिस्तान ने हिमालयी गुलाबी नमक को भौगोलिक संकेतों (जीआई) के रूप में पंजीकृत कराने का फैसला किया है ताकि दूसरे देशों द्वारा इसके अनधिकृत इस्तेमाल को रोका जा सके ।

जी आई टैग एक भौगोलिक संकेत है जो किसी विशेष क्षेत्र / राज्य / देश के उत्पाद, निर्माता या व्यवसायियों के समूह को अच्छी गुणवत्ता के कृषि, औद्योगिक एवं प्राकृतिक वस्तुओं को बनाने के लिए दिया जाता है ।

इस कीमती नमक का निष्कर्षण पंजाब में साल्ट रेंज से किया जाता है जो पोतोहार पठार के दक्षिण एवं झेलम नदी के उत्तर तक फैला है ।

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डॉन समाचार पत्र की खबरों में कहा गया है कि यह फैसला बौद्धिक संपदा संगठन (आईपीओ) की बैठक में लिया गया । इस बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य सलाहकार रज्जाक दाऊद ने की । आईपीओ के अध्यक्ष मुजीब अहमद खान ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया ।

एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया है कि बैठक के दौरान पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों के उत्पादों के लिये जीआई पंजीकरण पर चर्चा हुयी । इस कदम का लक्ष्य पाकिस्तान के जीआई का दूसरे देशों द्वारा किये जाने वाले अनाधिकार इस्तेमाल पर रोक लगाना है।

गुलाबी नमक एक ऐसा नमक है जिसमें खनिज की प्रचूरता होती है और जो स्वास्थ्य के लिये लाभदायक है ।

बासमती चावल को अपने उत्पाद के तौर पर पंजीकृत कराने के भारत के कदम के खिलाफ पाकिस्तान 27 सदस्यीय यूरोपीय यूनियन में लड़ रहा है।

भाषा रंजन

रंजन नरेश

नरेश


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