पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने एसआईसी को आरक्षित सीटें देने संबंधी फैसले पर रोक लगाई |

पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने एसआईसी को आरक्षित सीटें देने संबंधी फैसले पर रोक लगाई

पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने एसआईसी को आरक्षित सीटें देने संबंधी फैसले पर रोक लगाई

:   Modified Date:  May 6, 2024 / 08:51 PM IST, Published Date : May 6, 2024/8:51 pm IST

इस्लामाबाद, छह मई (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी को राहत देते हुए, पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उच्च न्यायालय के उस फैसले को निलंबित कर दिया, जिसमें सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) को नेशनल और प्रांतीय असेंबली में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सीटें आरक्षित करने से इनकार कर दिया गया था।

खान विभिन्न मामलों में जेल में हैं। पेशावर उच्च न्यायालय (पीएचसी) ने आरक्षित सीटों पर अपने दावे के संबंध में एसआईसी की एक याचिका को खारिज कर दिया था। खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समर्थित निर्दलीय निर्वाचित सांसदों-विधायकों के एसआईसी में शामिल होने के बाद यह याचिका दायर की गई थी।

इमरान खान की पार्टी को एसआईसी की शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि आरक्षित सीटें नेशनल और प्रांतीय असेंबली में सदस्य रखने वाले दलों को आवंटित की जाती हैं।

चूंकि खान की पार्टी को कानून के अनुसार पार्टी के भीतर चुनाव कराने में विफल रहने के कारण आम चुनाव से पहले चुनाव चिह्न बल्ले से वंचित कर दिया गया था। इसलिए उसे आठ फरवरी के आम चुनाव में एक पार्टी के रूप में लड़ने की अनुमति नहीं दी गई थी।

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने मार्च में फैसला सुनाया कि एसआईसी आरक्षित सीट के लिए कोटा का दावा करने का हकदार नहीं है क्योंकि इसके किसी भी सदस्य ने पार्टी मंच से चुनाव नहीं लड़ा और यह आरक्षित सीट के लिए अनिवार्य पार्टी सूची प्रदान करने में भी विफल रही।

नेशनल असेंबली की 336 सदस्यीय सीट में 70 और प्रांतीय असेंबली में 156 आरक्षित सीट हैं जो आम चुनावों में जीतने वाले दलों को आनुपातिक रूप से आवंटित की जाती हैं।

उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह की पीठ ने पीएचसी के आदेश के खिलाफ एसआईसी की अपील पर सुनवाई की। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पीएचसी क आदेश पर रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति शाह ने कहा, ‘‘हम मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार कर रहे हैं।’’ अदालत ने मामले की सुनवाई तीन जून तक के लिए स्थगित कर दी।

अंतिम फैसला जब भी आएगा वह खान की पार्टी की नैतिक जीत होगी लेकिन इसका सरकार पर कोई असर नहीं होगा। विभिन्न असेंबली में खान की पार्टी के जनप्रतिनिधियों की कुल संख्या में थोड़ी वृद्धि होगी लेकिन पार्टी सरकार को चुनौती देने की स्थिति में नहीं होगी।

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)