राजनाथ ने रक्षा संबंधों पर उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ की चर्चा | Rajnath discusses defence ties with his counterparts from Uzbekistan, Kazakhstan, Tajikistan

राजनाथ ने रक्षा संबंधों पर उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ की चर्चा

राजनाथ ने रक्षा संबंधों पर उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ की चर्चा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : September 5, 2020/10:06 am IST

मास्को, पांच सितंबर (भाषा) । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को यहां उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों से मुलाकात की तथा मध्य एशिया के इन प्रमुख देशों के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और अधिक मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिये सिंह रूस के तीन दिनों के दौरे पर हैं। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर तनाव घटाने के लिये शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंग के साथ वार्ता की।

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सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री, मेजर जनरल कुरबानोव बखोदीर नीजमोविच के साथ मास्को में आज मेरी शानदार बैठक हुई। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में रक्षा सहयोग एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। ’’

उन्होंने अलग से ट्वीट कर कहा, ‘‘कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल नुरलान येरमेकबायेव के साथ सार्थक बातचीत हुई। हमने भारत-कजाकिस्तान रक्षा सहयोग को और गति देने के तरीकों पर चर्चा की।’’

सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री, कर्नल-जनरल शेरली मिरजो के साथ मास्को में अत्यधिक सार्थक बैठक हुई। हमारी वार्ता में दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों के कई मुद्दे शामिल थे। ’’

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एससीओ के आठ सदस्य देश हैं, जो भारत, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं।

जून के बाद से सिंह का मास्को का यह दूसरा दौरा है। उन्होंने 24 जून को मास्को में विजय दिवस परेड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इसका आयोजन द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ (जिसका विघटन हो चुका है) की जीत की वर्षगांठ मनाने के लिये किया गया था।

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एससीओ को नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) के जवाबी संगठन के रूप में देखा जाता है। यह सबसे बड़े ट्रांस-क्षेत्रीय संगठनों में शामिल है, जिसमें दुनिया की करीब 44 प्रतिशत आबादी निवास करती है। इसका विस्तार आर्कटिक सागर से हिंद महासागर तक और प्रशांत महासागर से बाल्टिक सागर तक है।

एससीओ का लक्ष्य क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा कायम रखना है। भारत 2017 में इसका सदस्य बना था।