यूक्रेन : सेना में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदल रहा है; हजारों संभाल रही हैं अग्रिम मोर्चा |

यूक्रेन : सेना में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदल रहा है; हजारों संभाल रही हैं अग्रिम मोर्चा

यूक्रेन : सेना में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदल रहा है; हजारों संभाल रही हैं अग्रिम मोर्चा

:   Modified Date:  February 1, 2023 / 01:56 PM IST, Published Date : February 1, 2023/1:56 pm IST

(जेनिफर मैथर्स एवं अन्ना क्विट)

एब्रिस्विथ, एक फरवरी (द कन्वरसेशन) क्रीमिया तथा पूर्वी यूक्रेन के क्षेत्रों पर 2014 में रूस द्वारा कब्जा करने की शुरूआत के बाद से यूक्रेन की सेना में हजारों महिलायें स्वेच्छा से शामिल हुयी हैं ।

पिछले नौ साल से अधिक समय में यूक्रेन की सेना में शामिल होने वाली महिलाओं की संख्या दोगुने से अधिक हो गयी है । फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के पूरी ताकत के साथ हमला किये जाने के बाद यूक्रेन की सेना में शामिल होने के लिये महिलाओं के बीच एक लहर चल पड़ी है ।

ऐसे तो सोवियत संघ से 1991 में आजाद होने के बाद से ही यूक्रेन के सशस्त्र बल में महिलायें अपनी सेवा दे रही हैं, लेकिन उनकी महत्वपूर्ण भूमिका 2014 की लड़ाई की के बाद से शुरू हुयी ।

महिलाओं ने 2016 में लड़ाकू भूमिकाओं में काम करना शुरू किया और 2022 में सभी सैन्य भूमिकाओं को महिलाओं के लिए खोल दिया गया।

हालांकि, गैर-लड़ाकू भूमिका में शामिल कई महिलाएं, जैसे कि मेडिक्स, भी संघर्षरत और युद्ध के मोर्चे पर डटे अपने पुरुष और महिला सहयोगियों के समान ही खतरों और कठिनाइयों में हैं।

यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री हन्ना मलियार के अनुसार, 2022 की गर्मियों तक 50 हजार से अधिक महिलाओं को सेना में विभिन्न भूमिकाओं में लिया गया है, इनमें से करीब 38 हजार महिलायें वर्दीधारी हैं । उनके अनुसार महिलायें अब अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं में भी शामिल हैं ।

सशस्त्र बलों में शामिल महिलाओं को रूसियों द्वारा युद्धबंदी बनाया जा रहा है। यूक्रेनी मेडिक्स यूलिया पेवेस्का को तीन महीने की कैद हुई थी।

पेवेस्का ने बताया, ‘‘हम लोगों के साथ जो व्यवहार किया गया वह बेहद कठिन और कठोर था ।’’

पितृसत्तात्मक सोच बदल रही है-

यूक्रेन एक ऐसा देश है जहां, पितृसत्तात्मक परंपरा बेहद मजबूत है, खास तौर से रक्षा क्षेत्र में ।

लेकिन यूक्रेन की महिला सैनिकों को यूक्रेन का समाज और देश का राजनीतिक नेतृत्व युद्ध के दौरान बड़े पैमाने पर स्वीकार कर रहे हैं ।

सेना और समाज में महिलाओं की उपस्थिति को पहचान का एक संकेत तब मिला जब 2021 में नेशनल डिफेंडर्स डे का नाम बदल कर ‘डे ऑफ मेन एंड वूमन डिफेंडर्स ऑफ यूक्रेन’ कर दिया गया ।

और दूसरे भी संकेत हैं-

रक्षा मंत्रालय अपने सोशल मीडिया पोस्ट में महिला सैनिकों की तस्वीर अब नियमित तौर पर इस्तेमाल कर रहा है ।

यूक्रेन की महिला सैनिक भी अक्सर सुर्खियों में रहती हैं और वह अपने सैन्य अनुभव के बारे में बातचीत करती रहती हैं ।

अक्टूबर 2022 तक यूक्रेन की सेना में आठ हजार महिला अधिकारी हैं और यूक्रेन की एक उप रक्षा मंत्री महिला है।

लेकिन यूक्रेनी सशस्त्र बलों में महिलाओं की उपस्थिति बिना विवाद के नहीं रही है।

कुछ विश्लेषकों ने इस बात का विरोध किया है कि समाचार और सोशल मीडिया में महिलाओं को अग्रिम पंक्ति में दिखाने वाली तस्वीरों और वीडियो का मतलब यह है कि उन्हें उन सेवाओं में अपने पुरूष सहकर्मियों के समान अधिकार प्राप्त हैं ।

यूक्रेन की महिला सैनिकों को अभी भी कमांडरों और साथी सैनिकों से उनकी प्रतिबद्धता और क्षमताओं, पदोन्नति और कैरियर के विकास में बाधाओं के साथ-साथ व्यावहारिक कठिनाइयों जैसे वर्दी, शरीर कवच और फिट होने वाले जूते आदि मामलों में कठिनाइयों को दूर करना है।

महिलाएं यौन हिंसा के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।

कई यूक्रेनी महिला लड़ाकों ने पत्रकारों के साथ साक्षात्कार में उल्लेख किया कि महिला सैनिकों को किसी भी तरह से कैद से बचना चाहिए और वे रूसियों द्वारा पकड़े जाने के बजाय मरने के लिए तैयार हैं।

द कन्वरसेशन रंजन नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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