अमेरिका : पत्नी व बच्चों की हत्या की बात कबूल करने वाले भारतवंशी को उम्र कैद |

अमेरिका : पत्नी व बच्चों की हत्या की बात कबूल करने वाले भारतवंशी को उम्र कैद

अमेरिका : पत्नी व बच्चों की हत्या की बात कबूल करने वाले भारतवंशी को उम्र कैद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : November 11, 2021/3:39 pm IST

लॉस एंजिलिस (अमेरिका), 11 नवंबर (भाषा) अमेरिका में वर्ष 2019 में अपनी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या की बात कबूल करने वाले भारतवंशी आईटी पेशेवेर शंकर नगाप्पा हांगुड को एक अदालत ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई है और उसे सज़ा के दौरान पैरोल पर भी नहीं छोड़ा जा सकेगा।

केसीआरए-टीवी की बुधवार की खबर के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने कहा कि हांगुड (55) ने कैलिफोर्निया स्थित अपने फ्लैट में कुछ दिनों के अंदर ही अपनी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या करने का जुर्म कबूल किया है। उसका कहना था कि उसने ये आर्थिक तंगी की वजह से यह कदम उठाया।

खबर के मुताबिक, उसने प्लेसर काउंटी में सज़ा सुनाए जाने के दौरान कोई टिप्पणी नहीं की।

हांगुड उस समय सुर्खियों में आया था जब उसने माउंट शास्ता पुलिस विभाग में जा कर अधिकारियों से कहा था कि उसने चार लोगों की हत्या की है। बाद में रोजविले पुलिस को उसकी पत्नी, दो बच्चों के शव जंक्शन रोड पर स्थित उसके फ्लैट में मिले। चौथा शव माउंट शास्ता थाने के बाहर खड़ी उसकी कार में से मिला। यह शव उसके बेटे का था।

पुलिस ने उस वक्त कहा था कि हांगुड ने एक हफ्ते के दौरान ये हत्याएं कीं। पत्नी तथा बेटी की हत्या तीन दिन के दौरान की गई हैं। चार मृतकों की पहचान हांगुड की 46 वर्षीय पत्नी ज्योति शंकर, उसके 20 साल के बेटे वरूम शंकर और 13 वर्षीय पुत्र निश्चल हांगुड और 16 साल की बेटी गौरी हांगुड के तौर पर की गई।

हांगुड ने अपनी पत्नी, बेटी और छोटे बेटे की रोजविले फ्लैट में सात अक्टूबर को कथित रूप से हत्या कर दी थी। उसने बाद में रोजविले और माउंट शास्ता के बीच में कहीं पर अपने बड़े बेटे की भी हत्या कर दी थी। उसने माउंट शास्ता में ही 13 अक्टूबर को आत्मसमर्पण किया था।

प्लेसर काउंटी के मुख्य सहायक जिला अटॉर्नी डेविड टेलमेन ने एक बयान मे कहा कि इन लोगों की मौत ने इस समुदाय को बुरी तरह हिला दिया था और इंसाफ देखने के लिए परिवार का कोई सदस्य जीवित नहीं है।

अभियोजकों ने कहा कि हांगुड ने दावा किया है कि उसकी आईटी की नौकरी चली गई थी जिस वजह से वह निराश था और परेशानियों से घिरा हुआ था।

भाष

नोमान मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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