यूक्रेन के कब्जेवाले क्षेत्र रूस में शामिल किए जाने के लिये पुतिन से पूछेंगे |

यूक्रेन के कब्जेवाले क्षेत्र रूस में शामिल किए जाने के लिये पुतिन से पूछेंगे

यूक्रेन के कब्जेवाले क्षेत्र रूस में शामिल किए जाने के लिये पुतिन से पूछेंगे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : September 28, 2022/4:40 pm IST

कीव, 28 सितंबर (एपी) यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र में तैनात रूसी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहेंगे कि उन्हें रूस में शामिल कर लिया जाए। इससे एक दिन पहले उन्होंने दावा किया था कि हाल में हुए जनमत संग्रह में वहां के निवासियों ने ऐसे कदम के लिये पुरजोर समर्थन किया था।

यह पूर्वनिर्धारित परिणाम रूस के सात महीने से चल रहे युद्ध में एक खतरनाक नए चरण के लिए मंच तैयार कर रहा है। क्रेमलिन ने युद्ध में और अधिक सैनिकों को भेजने और संभावित रूप से परमाणु हथियारों का उपयोग करने की धमकी दी है।

जनमत संग्रह ने निवासियों से पूछा गया था कि क्या वे दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन के चार कब्जे वाले क्षेत्रों को रूस में शामिल करवाना चाहते हैं। जनमत संग्रह 23 सितंबर से शुरू हुआ था जिसमें अक्सर सशस्त्र अधिकारी घर-घर जाकर वोट एकत्र करते थे।

पूर्वी लुहांस्क क्षेत्र और दक्षिणी क्षेत्र जापोरिज्जिया के आंशिक रूप से कब्जाग्रस्त इलाकों में मास्को समर्थित अधिकारियों ने कहा कि वे बुधवार को इस संबंध में अनुरोध करेंगे।

निकटवर्ती कब्जाग्रस्त खेरसान क्षेत्र में रूस समर्थित प्रशासन ने कहा कि “आने वाले दिनों में” पुतिन से इस आशय का अनुरोध किया जाएगा।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को वीडियो लिंक के जरिये संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि “आधुनिक दुनिया में कोई भी विलय (भूभाग का दूसरे देश में) एक अपराध है, उन सभी राष्ट्रों के खिलाफ अपराध है जो सीमा की हिंसा को अपने लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।”

डोनेट्स्क क्षेत्र के अलगाववादी अधिकारियों द्वारा भी ऐसी मांग किए जाने की उम्मीद है। इस क्षेत्र का बड़ा हिस्सा हालांकि अब भी यूक्रेन के पास है।

रूस द्वारा स्थापित चुनाव अधिकारियों के अनुसार, जापोरिज्जिया क्षेत्र में डाले गए मतपत्रों में से 93 प्रतिशत ने विलय का समर्थन किया, जबकि खेरसान क्षेत्र में 87 प्रतिशत, लुहान्स्क क्षेत्र में 98 फीसदी और डोनेट्स्क में 99 प्रतिशत मत विलय के पक्ष में पड़े।

कीव और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने इस मतदान प्रक्रिया को छलावा बताकर खारिज किया है।

जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के क्षेत्र पर कब्जा करने के रूस के प्रयासों का मतलब होगा “रूस के इस राष्ट्रपति के साथ बात करने के लिए कुछ भी नहीं है।”

एपी प्रशांत माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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