जेनोफोबिया पर राष्ट्रपति बाइडन की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा: संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता |

जेनोफोबिया पर राष्ट्रपति बाइडन की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा: संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता

जेनोफोबिया पर राष्ट्रपति बाइडन की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा: संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता

:   Modified Date:  May 4, 2024 / 08:26 PM IST, Published Date : May 4, 2024/8:26 pm IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, चार मई (भाषा) संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा भारत, चीन, रूस और जापान को ‘जेनोफोबिक’ कहने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि सभी सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अनुबंध में बुनियादी मानकों को कायम रखना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक से जब बाइडन के ‘जेनोफोबिक’ संबंधी बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने (हक ने) कहा, ‘‘उन्होंने (बाइडन ने) जो कहा है उसपर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन निश्चित रूप से…।”

बाइडन ने चीन, जापान, रूस और भारत को “जेनोफोबिक” कहा है। बाहरी लोगों के प्रति नापसंदगी, घृणा या डर को जेनोफोबिक कहा जाता है।

जब इस मुद्दे पर और अधिक दबाव डाला गया और संयुक्त राष्ट्र की दृष्टि से इस शब्द का अर्थ पूछा गया तो हक ने कहा, ‘यह केवल जेनोफोबिया की शब्दकोश परिभाषा है, जिसे आप खुद भी देखने के लिए स्वतंत्र हो सकते हैं, लेकिन निश्चित रूप से, हम मानते हैं कि हमारे सभी सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अनुबंधों में सभी बुनियादी मानकों को कायम रखना चाहिए, जिनमें सभी जातियों, सभी राष्ट्रीयताओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना शामिल है। और हमारा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इस दिशा में काम कर रहे हैं।”

बाइडन ने क्वाड के अपने दो सदस्य देशों- भारत और जापान- तथा अपने दो विरोधियों- रूस और चीन- को ‘जेनोफोबिक’ राष्ट्र कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका के विपरीत, इनमें से कोई भी देश प्रवासियों का स्वागत नहीं करता है।

बाइडन ने चंदे इकट्ठा करने के एक कार्यक्रम में बुधवार शाम को अपने समर्थकों से कहा था, ‘‘यह चुनाव आजादी, अमेरिका और लोकतंत्र के बारे में है। इसलिए मुझे आपकी सख्त जरूरत है। आपलोग और अन्य लोग हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ने की एक वजह हैं। क्यों? क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं।’

डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार बाइडन ने कहा, ‘‘हम कारण देखते हैं और इसके बारे में सोचते हैं। चीन आर्थिक तौर पर क्यों रुका है? जापान को, रूस को और भारत को क्यों परेशानी हो रही है? क्योंकि वे जेनोफोबिक हैं। वे प्रवासियों को अपने यहां आने देना नहीं चाहते हैं।’

बाइडन द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति एक ‘व्यापक बिंदु’ रख रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘वह (बाइडन) एक व्यापक बात कह रहे थे।’’

ज्यां पियरे ने बृहस्पतिवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे सहयोगी और साझेदार यह अच्छी तरह से जानते हैं कि राष्ट्रपति (बाइडन) उनका कितना सम्मान करते हैं।’’

पांच नवम्बर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में प्रवासन का मुद्दा छाया हुआ है। चुनाव में बाइडन का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से होगा।

भाषा सुरेश माधव

माधव

 

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