मध्यप्रदेश, क्राइम। Madhya Pradesh Year Ender 2022: अपराधों के मामले में मध्यप्रदेश के कई मामले सुर्खियों में रहे। इनपर सरकार और प्रशासन ने कार्रवाई भी की, वहीं कई मामले ऐसे थे जो लोगों के दिलों को दहला गए। बता दें कि साल 2021 में नए अपराधियों की संख्या में 600 थी, जबकि कमिश्रर प्रणाली लागू होने के बाद इस साल नए अपराधियों की संख्या गत वर्ष की तुलना में आधी से भी कम रह गई है। पुलिस के अनुसार साल 2022 में 289 नए अपराधी आए हैं। आइए एक नजर डालें इन मामलों पर –
इस पूरे साल 2022 में सेक्सटॉर्शन गैंग का आतंक देखने को मिला। आम से लेकर खास तक इस गैंग के शिकार बने. इनमें सबसे चर्चित मामला था भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा का, जिन्हें सेक्सटॉर्शन कॉल आया, जिसके बाद सरकार, पुलिस और प्रशासन हरकत में आई और गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार किया.
इस साल स्कूल और कॉलेजों भी विवादों से बचे नहीं रह पाए। दमोह में मिशनरी धर्मांतरण का मामला हो या सागर में जय श्री राम कहने पर सस्पेंशन का, दोनों ही मामले चर्चा में रहे, वहीं विदिशा में मदरसे में बच्चों का एडिमिशन भी चर्चा की विषय बना रहा। इंदौर लॉ कॉलेज की प्रोफेसर की विवादित किताब को लेकर भी मामला गर्माया। भोपाल की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर कई बच्चियों ने अश्लील हरकत और यौन शोषण के आरोप लगाए, जिसके बाद से पूरे देश में संस्थान की थू-थू हुई और इसकी चौतरफा निंदा हुई।
भोपाल में एक इंजीनियरिंग के छात्र की रहस्यमयी आत्महत्या ने प्रदेश को कई दिनों तक गुत्थियों में उलझाए रखा। वहीं मैनिट में घुसे बाघ ने भी कई दिनों कर मीडिया का अटेंशन खींचा। हालांकि, वन विभाग ने बाघ का रेस्क्यू कर लिया और छात्र के आत्महत्या की गुत्थी भी सुलझ गई।
चौकीदारों की हत्या करने वाले सीरियल किलर ने भी देशभर की मीडिया में चर्चा बटोरी। एक के बाद एक लगातार चार लोगों के कत्ल के बाद पुलिस ने उसे राजधानी भोपाल से गिरफ्तार कर लिया।
खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन दंगा भड़का था। तालाब चौक, काजीपुरा, आनंद नगर समेत तमाम इलाकों में हिंसा भड़की और रामनवमी जुलूस पर पथराव किया गया था। जमकर तोड़तोड़ हुई। आगजनी में कई घर, दुकानें तबाह हो गईं। 20 दिन से ज्यादा कर्फ्यू लगा और हिंदू-मुस्लिम घरों के बीच दीवार खड़ी कर दी गईं ताकि दोनों एक-दूसरे के इलाकों में न जा सकें। शांति के तापू कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में JMB आतंकी पकड़े गए। बताया गया कि इनके लिंक देशभर में कई जगहों से जुड़े हुए है, वहीं खरगोन में हुए दंगों ने प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब पर कालिख पोती। हालांकि लोगों ने इस मामले में काफी समझदारी भी जताई।
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