ये है बीजेपी और कांग्रेस की बूथ मैनेजमेंट रणनीति, जानिए कितने कार्यकर्ता रहेंगे तैनात | CG Assembly Election 2018

ये है बीजेपी और कांग्रेस की बूथ मैनेजमेंट रणनीति, जानिए कितने कार्यकर्ता रहेंगे तैनात

ये है बीजेपी और कांग्रेस की बूथ मैनेजमेंट रणनीति, जानिए कितने कार्यकर्ता रहेंगे तैनात

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : November 19, 2018/3:57 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के लिए 72 सीटों पर मंगलवार सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हो जाएगा। मतदाता के मन की थाह लेकर उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए प्रत्याशियों ने अलग-अलग रणनीतियां और टीमें बना रखी हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों ने बूथ मैनेजमेंट के लिए अपनी रणनीति बना रखी है। भाजपा ने हर बूथ में दो कार्यकर्ताओं के अलावा एक रिलीवर यानी तीन लोगों को तैनात किया है। ये सुबह मतदान शुरू होने के बाद खत्म होने तक वीवीपैट की 16 सेकंड की पर्ची पर नजर रखेंगे।

इसके फ्लो के हिसाब से ये आकलन किया जाएगा कि किस बूथ में भाजपा को कितने वोट मिले हैं। 72 विधानसभा सीटों के 21,000 बूथों पर भाजपा के 17,000 वालंटियर्स के साथ 10 हजार कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है। जिन्हें पार्टी ने एक करोड़ 53 लाख मतदाताओं से 90 फीसदी मतदान कराने की जिम्मेदारी दी है। बूथ मैनेजमेंट के लिए कई स्टेप में निगरानी दल भी बनाए गए हैं। मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष व प्रदेश के पदाधिकारी मैनेजमेंट संभालेंगे। सभी चुनाव संचालक प्रदेश प्रभारी अनिल जैन और संयुक्त संगठन महामंत्री सौदान सिंह को पल-पल की रिपोर्ट देंगे।

वहीं कांग्रेस ने भी 19 हजार ट्रेंड कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट में लगाया है। कांग्रेस ने भी पहली बार बूथ मैनेजमेंट के अंतर्गत कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी है। हर बूथ में 10 कार्यकर्ता तैनात किए गए हैं। बूथ की जिम्मेदारी युवा, महिला व प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को दी गई है।

कांग्रेस ने 90 सीटों पर 23 हजार 754 बूथ कमेटियां बनाई है, जिसमें से दूसरे चरण की 72 सीटों पर कांग्रेस के पास लगभग 19 हजार से ज्यादा बूथ हैं। 72 सीटों के बूथों पर 10-10 सदस्यों की बूथ कमेटियां बनाई हैं। एक सीट में दो से ढाई सौ बूथ हैं। कांग्रेस ने एक बूथ पर 10 लोगों को तैनात किया है।

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संगठन के नेताओं को उनके मोहल्लों में घूमने, फोन पर बात करने और वॉट्सएप करने के लिए कहा गया है। हर पार्टी का नेता और कार्यकर्ता आज बस एक ही जद्दोजहद में जुटा है कि कैसे भी वोट उसके प्रत्याशी के पक्ष में पड़े।